सेक्टर की जगह गरीबों, छोटे कारोबारियों की जरूरतों के आधार पर पैकेज का निर्धारण: वित्त मंत्री
आम लोगों और छोटे कारोबारियों को मिली राहत डिमांड बढ़ाने में मदद करेगी
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत पैकेज समय और लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है, इसलिए किसी खास सेक्टर का इसमें जिक्र नहीं है। वित्त मंत्री के मुताबिक थम चुकी अर्थव्यवस्था और सेक्टर को फिर से शुरुआत देने के लिए पैकेज का एक हिस्सा फोकस है। वहीं पैकेज का बाकी हिस्सा अर्थव्यवस्था में स्थिर शुरुआत के बाद आने वाले समय में रफ्तार देने में मदद करेगा
आर्थिक पैकेज पर उठ रहे सवालों पर वित्त मंत्री ने आज इंडियाटीवी के खास कार्यक्रम में खुलकर बात की। वित्त मंत्री के मुताबिक दो महीने से अर्थव्यवस्था के बंद रहने से छोटे कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार ने पैकेज का एक हिस्सा ऐसे कारोबारियों को आसान फंडिंग के रूप में दिया है, जिससे इनके पास पैसे आने से वो कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर सकेंगे वहीं अपना कारोबार को शुरुआत करने में पैसा लगा सकेंगे। इससे अर्थव्यव्यवस्था के निचले हिस्से में गतिविधियां शुरू होने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक अर्थव्यवस्था के निचले स्तर पर मौजूद लोगों और छोटे कारोबारियों को मिली शुरुआती मदद ऊपरी स्तर पर मौजूद कंपनियों के लिए डिमांड बढ़ाने का काम करेगी।डिमांड बढ़ने पर पैकेज में अहम सेक्टर के लिए घोषित किए गए सुधार कदमों से विकास को ठोस रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक MSME को फोकस करने से लगभग सभी सेक्टर अपने आप कवर हो गए हैं क्योंकि छोटे कारोबारी टूरिज्म में भी हैं और कंज्यूमर प्रोडक्ट बेचने वाले दुकान दार भी हैं तो वहीं स्ट्रीट वेंडर भी। इन्हें मदद मिलने से ये अपने काम को एक बार फिर से शुरू कर सकेंगे और मांग बढ़ाने में मदद करेंगे।