नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कॉरपोरेट कर की दर घटाने के बाद राजकोषीय घाटा लक्ष्य में संशोधन या खर्च में किसी प्रकार की कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती से निपटने के लिए बीते दिनों कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद सरकार का यह बयान सामने आया है।
विनिर्माताओं को खुश करने, मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा देने, निजी निवेश व उपभोग बढ़ाने और बीते छह साल के निचले स्तर पर जा चुकी देश की आर्थिक विकास दर में सुधार लाने के मकसद से सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की दर में कटौती की घोषणा की। हालांकि आर्थिक सुस्ती की वजह से न सिर्फ रोजगारों में भारी कटौती देखी गई है, बल्कि सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठे हैं।
सरकार के अनुमान के मुताबिक, कॉरपोरेट कर घटाने से चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार के राजकोष को 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। सीतारमण ने कहा कि राजकोष में आने वाली इस कमी को पूरा करने के लिए खर्च में कटौती करने की सरकार की कोई योजना नहीं है। वित्तमंत्री ने इससे पहले कहा था कि विकास को रफ्तार देने के मकसद से पूंजी प्रवाह बढ़ाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित मंत्रालयों से खर्च का बोझ कम करने को कहा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब कहा है कि सरकार 2020-21 के बजट के आसपास ही राजकोषीय घाटा लक्ष्य की समीक्षा करेगी। उन्होंने यहां अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि इस समय हम किसी लक्ष्य में संशोधन नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय खर्च में कटौती करने की भी कोई योजना नहीं है।
सीतारमण ने कहा कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती करने का कदम एक आकलनपरक जोखिम है और उन्होंने अब तक इस वित्त वर्ष के लिए राजस्व व खर्च लक्ष्य में कोई संशोधन नहीं किया है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए बाजार से अतिरिक्त उधारी पर भी बाद में फैसला लेगी।
Latest Business News