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Hindi News पैसा बिज़नेस सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर PMO से बातचीत जारी, प्रोत्साहन पैकेज पर वित्त मंत्री ने कही ये बात

सुस्त अर्थव्यवस्था को लेकर PMO से बातचीत जारी, प्रोत्साहन पैकेज पर वित्त मंत्री ने कही ये बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी। 

Finance Minister Nirmala Sitharaman- India TV Paisa Finance Minister Nirmala Sitharaman

अहमदाबाद। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों की प्रधानमंत्री कार्यालय के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है। जैसे ही यह बातचीत पूरी होती है सरकार इस बाबत निर्णय करेगी कि अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिये क्या कदम उठाये जाने चाहिए और फिर उनकी घोषणा कर दी जायेगी। हालांकि, उन्होंने गहराती आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए सरकार की तरफ से किसी तरह के प्रोत्साहन पैकेज की योजना के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। 

आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को फिर से गति देने की कार्य योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 'सोमवार से अब तक मैं बैंकों और वित्तीय संस्थानों, छोटे एवं मझोले उद्योगों, उद्योग और वाहन क्षेत्र सहित पांच अलग अलग क्षेत्र के प्रतिनिधियों से मिल चुकी हूं और उनकी समस्याओं को सुना है। हम इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि क्या कदम उठाये जाने चाहिए।'' मंत्री ने कहा, ''कल (बृहस्पतिवार को) हमने अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की।' 

प्रोत्साहन पैकेज के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, 'मैंने किसी प्रोत्साहन पैकेज की बात नहीं की है और मीडिया के एक वर्ग में जो बताया जा रहा है, वो मैंने नहीं कहा है।' उन्होंने कहा कि क्या कदम उठाये जाने चाहिए, इसको लेकर चर्चा चल रही है और चर्चा पूरी होने पर हम उसकी घोषणा करेंगे। उद्योग जगत लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी दर में कटौती के रूप में एक तरह का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने की मांग कर रहा है। 

उल्लेखनीय है कि वाहनों की बिक्री जुलाई में 31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19 साल के निचले स्तर पर आ गयी। केवल वाहन उद्योग ही नहीं बल्कि दूसरे उपभोक्ता उत्पादों के क्षेत्र में सुस्ती देखी जा रही है। उद्योग बजट में उठाये गए कुछ कदमों को भी वापस लेने की मांग कर रहा है। इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया गया अति धनाढ्य पर लगने वाला ऊंचा अधिभार भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि आम बजट पारित होने के बाद से शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बजट से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की धारणा को झटका लगा है।

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