नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ विलय की घोषणा की है। इन बैंकों के विलय से पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज शुक्रवार को एक बार फिर मीडिया से मुखातिब हुईं। इस दौरान उन्होंने देश के कई बड़े बैंकों के मर्जर के ऐलान किए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारी सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रयास कर रही है।
वित्त मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों के विलय की घोषणा करते हुये सिंडीकेट बैंक और कैनरा बैंक के विलय के साथ ही आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय की घोषणा की। इसके अलावा, इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय कर सार्वजनिक क्षेत्र का सातवां बड़ा बैंक बनेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि इन बैंकों के विलय के पीछे उद्देश्य देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंकों का निर्माण करना है। इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी। यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ।
इन विलय के बाद सरकारी बैंक की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी, इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे। बता दें कि इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि 18 में से 14 सरकारी बैंक प्रॉफिट में हैं।
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