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एअर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का सरकार जल्द ले सकती है फैसला, वित्तमंत्री ने दिया संकेत

बुधवार को मंत्री स्तरीय समूह की बैठक के बाद सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश के लिए लेनदेन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है

एअर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का सरकार जल्द ले सकती है फैसला, वित्तमंत्री ने दिया संकेत- India TV Paisa एअर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने का सरकार जल्द ले सकती है फैसला, वित्तमंत्री ने दिया संकेत

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को संकेत दिया कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी एअर इंडिया के विनिवेश पर जल्द फैसला किया जाएगा। बुधवार को मंत्री स्तरीय समूह की बैठक के बाद सरकार ने एअर इंडिया के विनिवेश के लिए लेनदेन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है। इस बैठक में एअर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। जेटली की अगुवाई वाले मंत्री समूह के बीच इस मुद्दे पर करीब एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ।

जेटली ने संवाददाताओं से कहा, हमने कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया। हमने लेनदेन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का फैसला किया है। इस बैठक में जेटली के अलावा नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और बिजली मंत्री पीयूष गोयल के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। साथ ही बैठक में एअर इंडिया के अंतरिम चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल तथा एअरलाइन और नागर विमानन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

औपचारिक तौर पर दो पक्षों ने इस विमानन कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की रुचि दिखाई है। एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया को लेकर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा, ये फैसले तेजी से होने चाहिए, पर इसके लिए सामान्य तरीका चुना जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने इस साल जून में एअर इंडिया और उसकी पांच अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी।

इससे पहले दिन में नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने संवाददाताओं से कहा, विमानन सेवा देने वाले बर्ड समूह ने सरकार को पत्र लिखकर एअर इंडिया की ग्राउंड हैंडलिंग सेवा एआईएटीएसएल के अधिग्रहण की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि इंडिगो के बाद अब बर्ड ग्रुप ने पत्र लिखकर एअर इंडिया में रुचि दिखाई है। एअर इंडिया करदाताओं के धन पर अपना परिचालन कायम रख पाई है और काफी समय से घाटे में चल रही है। एअरलाइन के पुनरोद्धार के कई प्रस्ताव आए हैं। नीति आयोग ने एअर इंडिया के पूर्ण निजीकरण का सुझााव दिया है।

एअरलाइन पर कुल 52,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा 2012 में दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज के बूत यह आज अपना परिचालन कर पा रही है।

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