GST पर IndiaTV के स्पेशल प्रोग्राम में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया GST में क्यों रखी गई हैं टैक्स की चार दरें, यह है वजह
वित्त मंत्री ने शनिवार को IndiaTV के GST पर हुए स्पेशल शो के दौरान उन्होंने कहा कि GST के तहत 4 स्लैब इसलिए रखें है ताकि, आम आदमी पर महंगाई का बोझ नहीं बढ़े
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को IndiaTV के GST पर हुए स्पेशल शो (जीएसटी दूसरी आजादी) के दौरान उन्होंने कहा कि GST के तहत 4 स्लैब इसलिए रखें हैं ताकि आम आदमी पर महंगाई का बोझ ज्यादा न बढ़े। इस पर उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हवाई चप्पल और मर्सिडीज कार पर एक ही जैसा टैक्स लगेगा तो बोझ किस पर पड़ेगा। जबकि, आम आदमी के लिए चप्पल ज्यादा जरूरी है, ना कि मर्सिडीज कार। आपको बता दें कि एक जुलाई से देश में GST लागू हो चुका है। इसके तहत देश में अब एक ही टैक्स लगेगा। यह भी पढ़े: राष्ट्रपति ने घंटा बजाकर किया GST को लॉन्च, PM ने बताया इसे सभी राजनीतिक दलों का साझा प्रयास
वित्त मंत्री ने कहा
हर आदमी के पास उतने साधन नहीं है जितने उद्योगपति के पास हैं। इसलिए अगर दूध 2 रुपए महंगा होता है तो इसका आम आदमी पर बड़ा असर होगा। इसलिए ये सुझाव वो लोग देते हैं जिन्होंन न तो गरीबी देखी है और न ही गरीबों के प्रति कोई सहानुभूति रखते हैं।
‘4 टैक्स स्लैब का विरोध करने वाले नामसमझ हैं’
IndiaTV के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने वित्त मंत्री से सवाल किया कि कुछ लोग 4 टैक्स स्लैब को लेकर कड़ा विरोध जता रहे हैं। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि मैं इसको नासमझी का बयान कहूंगा, वो इसलिए कि इस प्रकार के लोगों ने गरीबी देखी नहीं और न ही समझी है। अगर उनके सुझावों को मान लें तो एक रेट होता 15 फीसदी। इससे हमारा (देश के राजस्व) लक्ष्य तो पूरा हो जाता, लेकिन अब ज्यादातर फूड आइटम्स GST के दायरे से बाहर हैं। इसका मतलब साफ है कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार आसानी से अपना पेट भर सकता है। इस पर उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हवाई चप्पल और मर्सिडीज कार पर एक ही जैसा टैक्स लगेगा तो बोझ किस पर पड़ेगा।
तस्वीरों में देखिए देर रात कैसे राष्ट्रपति और पीएम ने GST को घंटा बजाकर लागू किया
GST Rollout Function
‘वक्त रहते ऐसे सुधारी गलती’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने IndiaTV शो के दौरान एक उदाहरण देते हुए बताया कि हमने कई हजार कमोडिटी का आंकलन करने के बाद उनका टैक्स तय किया, लेकिन फिर भी रासायनिक खाद ऊपरी टैक्स ब्रेकिट में पहुंच गया। इसीलिए जब काउंसिल की बैठक में इस गलती को सुधारा गया और इसे 5 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में डाला गया। आपको बता दें कि GST के लागू होने से कुछ ही घंटे पहले शक्तिशाली जीएसटी परिषद ने रासायनिक खाद पर टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया था। इससे देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा ट्रैक्टर के विशेष कलपुर्जों पर टैक्स रेट को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है।
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