नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संकेत दिए कि हाइब्रिड कारों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दरों की फिर से समीक्षा नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की मांग कर अधिकारियों द्वारा किए गए अध्ययन से मेल नहीं खाती। उल्लेखनीय है कि GST परिषद ने हाइब्रिड कारों पर 43 प्रतिशत कर, 28 प्रतिशत GST और 15 प्रतिशत उपकर का प्रावधान किया है। उद्योग जगत इसे बहुत अधिक दर बता रहा है।
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जेटली ने पत्रकारों से कहा कि,
हमने वाहन उद्योग की मांगों पर विस्तृत अध्ययन कर एक प्रपत्र तैयार किया और इसे सदस्यों के साथ साझा किया जाएगा। यदि आवयश्यक हुआ तो इस पर चर्चा की जाएगी। प्रपत्र के अनुसार, जो तथ्य उद्योग जगत ने पेश किए हैं, वे ठीक नहीं है।
गौरतलब है कि जेटली की अध्यक्षता में आज हुई GST परिषद की बैठक में 66 वस्तुओं पर कर दर कम की गई जबकि विभिन्न उद्योगों ने 133 वस्तुओं पर कर दर करने के ग्यापन दिए थे। भविष्य में किसी वस्तु पर कर की दर संशोधित किए जाने के बारे में जेटली ने कहा कि परिषद और फिटमेंट समिति ने सभी मामलों पर गहन अध्ययन किया है और जो भी दरें तय की गईं वह अवगत कारणों से और विस्तृत चर्चा पर आधारित हैं।
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उन्होंने कहा कि ये दरें अमूमन अंतिम हैं। सिर्फ इसलिए कि किसी ने कोई मुद्दा उठाया है तो हमें उसे यह रियायत देनी ही चाहिए, इसका कोई औचित्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि वाहन उद्योग ने हाइब्रिड कारों पर GST दर 18 प्रतिशत करने की मांग की थी क्योंकि यह ईंधन दक्ष और पर्यावरण हितैषी वाहन होते हैं।
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