नई दिल्ली। कोरोना संकट से सबक सीखते हुए सरकार ने स्वास्थय सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना लॉन्च की है, जिसमें सेहत से जुड़े जरूर इंफ्रास्ट्रकचर को तैयार करने के लिए सरकार अगले 6 साल में 64180 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सरकार पहले ही कह चुकी थी कि वो हॉस्पिटल से लेकर दवाओं और वैक्सीन के निर्माण और रिसर्च को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। सरकार के द्वारा किया गया आज का प्रावधान देश को बीमारियों पर रिसर्च और स्वदेशी कंपनियों के द्वारा अपने स्तर पर हल तलाशने में मदद करेगा।
कोरोना संकट की शुरुआत में भारत को पीपीई किट से लेकर हैंड सेनेटाइजर तक की कमी का सामना करना पड़ा था, हालांकि अब देश इन सामानों का निर्यात कर रहा है। वहीं भारत दुनिया की वैक्सीन की जरूरतों को पूरा करने में भी मदद कर रहा है। दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाने के लिए ही सरकार ने नई योजना का ऐलान किया है, जिससे बीमारियों के निदान से जुड़े रिसर्च को देश में तेजी से किया जा सके और इलाज का खर्च नीचे लाने के साथ साथ ग्लोबल फार्मा मार्केट में देश की स्थिति को और मजबूत कर कारोबारी अवसर तलाशे जा सकें।
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