नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि तकनीकी कारणों से जो करदाता जीएसटीएन पोर्टल पर जीएसटी लागू होने से पहले के ‘क्रेडिट’ को लेकर फॉर्म ट्रान-1 जमा नहीं कर पाए थे, वे अब 30 अप्रैल तक प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। हालांकि, इन करदाताओं को उस ‘क्रेडिट’ रकम को बदलने की अनुमति नहीं होगी, जिसका उन्होंने फॉर्म भरते समय दावा किया था।
मंत्रालय ने एक परिपत्र में कहा कि बड़ी संख्या में करदाता ट्रान-1 भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए क्योंकि उन्होंने आईटी संबंधित खामियों की वजह से डिजिटल तरीके से उसका सत्यापन नहीं कर पाए थे। जीएसटीएन ‘इलेक्ट्रॉनिक ऑडिट ट्रेल’ के आधार पर ऐसे करदाताओं की पहचान करेगा। परिपत्र के अनुसाार, यह निर्णय किया गया है कि ऐसे सभी करदाताओं जिन्होंने फॉर्म भरने की कोशिश की लेकिन 27 दिसंबर 2017 या उससे पहले तकनीकी कारणों से ट्रान-1 प्रक्रिया (मूल या संशोधित) को पूरा नहीं कर पाए, उन्हें इस प्रक्रिया को पूरा करने का मौका दिया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर जीएसटीएन केंद्र एवं राज्यों के संबंधित अधिकारियों से अतिरिक्त दस्तावेज तथा आंकड़े आदि प्राप्त करने अथवा उन करदाताओं का सत्यापन करने के लिए अनुरोध कर सकता है, जिन्हें इस प्रक्रिया की अनुमति मिलनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि उन करदाताओं को ट्रान-1 प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 अप्रैल का समय दिया गया है, जो तकनीकी कारणों से ऐसा नहीं कर सके। साथ ही जीएसटीआर 3बी भरने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए भी 31 मई 2018 तक का समय दिया गया है। ट्रान-1 उन करदाताओं को भरना है, जिन्होंने जीएसटी कानून के अंतर्गत अपना पंजीकरण कराया है और वे जीएसटी व्यवस्था से पहले दिए गए कर के ‘क्रेडिट’ का दावा करना चाहते हैं।
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