नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि इफ्को जैसी उर्वरक कंपनियों द्वारा कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए अस्पतालों को प्रतिदिन 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति किये जाने की उम्मीद है। केन्द्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इफ्को, गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स (जीएसएफसी), गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स (जीएनएफसी) और अन्य उर्वरक कंपनियां ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में जुटी हैं। हालांकि, सरकार ने कोई समयरेखा नहीं बतायी कि इन उर्वरक संयंत्रों द्वारा ऑक्सीजन की आपूर्ति कब से उपलब्ध कराई जा सकेगी।
सरकार की सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों के साथ बातचीत
उर्वरक और रसायन राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने यहां एक बैठक में सार्वजनिक और निजी दोनों उर्वरक कंपनियों के साथ ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने की संभावना पर चर्चा की। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कुल मिलाकर यह उम्मीद की जाती है कि प्रतिदिन लगभग 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन कोविड -19 रोगियों को उर्वरक संयंत्रों द्वारा उपलब्ध कराया जा सकता है।’’ यह कदम आने वाले दिनों में देश के अस्पतालों में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति को बढ़ाएगा। मंत्रालय के अनुसार, सहकारी उर्वरक कंपनी इफ्को गुजरात के अपने कलोल इकाई में 200 घन मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाले एक ऑक्सीजन संयंत्र लगा रही है और कुल क्षमता 33,000 घन मीटर प्रति दिन होगी। जीएसएफसी ने अपने संयंत्रों में छोटे बदलाव किए हैं और तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति शुरू की है, जबकि जीएनएफसी ने वायु पृथक्करण इकाई शुरू करने के बाद चिकित्सा उद्देश्यों के लिए तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति भी शुरू कर दी है।
कंपनियों ने शुरू की उत्पादन क्षमता बढ़ाने की प्रक्रिया
जीएसएफएस और जीएनएफसी दोनों ने अपनी ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें कहा गया है कि यह अन्य उर्वरक कंपनियां, सामाजिक निगमित दायित्व (सीएसआर) वित्तपोषण के माध्यम से देश के चुनिंदा स्थानों पर अस्पतालों / संयंत्रों में मेडिकल संयंत्र स्थापित करेंगी। बैठक में, मंत्री ने उर्वरक कंपनियों से कहा कि वे ऑक्सीजन उत्पादन की अपनी मौजूदा क्षमता को बढ़ायें और अस्पतालों को मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाते हुए, इस महामारी के समय में समाज की मदद के लिए आगे आयें।
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