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इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में आएगा 12,000 करोड़ रुपए का FDI, विदेशी कंपनियों की JV में हिस्‍सेदारी बढ़ाने की योजना

इस साल इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का एफडीआई आने की संभावना है। विदेशी कंपनियों की इस क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना है।

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नई दिल्‍ली। वर्ष 2016 इंश्‍योरेंस सेक्‍टर के लिए एक महत्‍वपूर्ण साबित होने वाला है। इस साल इस सेक्‍टर में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आने की संभावना है। उद्योग मंडल एसोचैम ने सोमवार को अपने एक ताजा अध्‍ययन में कहा है कि एक दर्जन से अधिक विदेशी कंपनियों की इस क्षेत्र में कार्यरत संयुक्त बीमा उद्यम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की योजना है।

एसोचैम महासचिव डीएस रावत ने एक बयान में कहा है कि वर्ष 2016 में जीवन बीमा और साधारण बीमा दोनों क्षेत्रों में 12,000 करोड़ रुपए से अधिक का विदेशी निवेश प्रवाह आना तय है। इसके अलावा पुनर्बीमा क्षेत्र में भी कुछ कोष प्रवाह होगा। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले वर्ष बीमा कानून (संशोधन) विधेयक पारित  किया था। इससे इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में विदेशी निवेश सीमा 26 फीसदी से बढ़कर 49 फीसदी हो गई है।

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पिछले साल मार्च में यह विधेयक संसद में पारित हो चुका है। इससे विदेशी इकाइयों के लिए निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। फ्रांस की एएक्सए, ब्रिटेन की बूपा, जापान की निप्पन लाइफ इंश्योरेंस समेत कई कंपनियों ने अपने संयुक्त उद्यम में हिस्सेदारी बढ़ाने की हाल ही में घोषणा की है।  उद्योग मंडल ने कहा कि बीएनपी परिबा, कार्डिफ इंश्योरेंस, ऑस्ट्रेलिया समूह, अवीवा, स्टैंडर्ड लाइफ पीएलसी तथा एआईए समेत एक दर्जन से अधिक विदेशी कंपनियां चालू वर्ष में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती हैं।

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