नई दिल्ली। सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाए जाने से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) वित्त वर्ष 2016-17 में 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2015-16 में देश में 40 अरब डॉलर विदेशी निवेश आकर्षित किया गया था।
बयान के मुताबिक प्राप्त आय के फिर से निवेश को भी लिया जाए तो कुल एफडीआई पिछले वित्त वर्ष में अब तक के सर्वाधिक 60.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2015-16 में 55.6 अरब डॉलर था। पिछले तीन साल के दौरान सरकार ने 87 क्षेत्रों से संबद्ध कुल 21 क्षेत्रों में विदेशी निवेश नियमों को आसान बनाया है। निर्माण, प्रसारण, खुदरा कारोबार, हवाई परिवहन, बीमा और पेंशन जैसे क्षेत्रों में प्रावधानों को आसान बनाया गया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि एफडीआई नीति आसान बनाने तथा कारोबार सुगमता बढ़ने से घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने, आयात सीमित होने, रोजगार सृजन तथा अंतत: मूल्यवान विदेशी विनिमय के संरक्षण में मदद मिली है। बयान के मुताबिक पिछले तीन वित्त वर्ष में एफडीआई इक्विटी प्रवाह करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 114.41 अरब डॉलर रहा, जो इससे पूर्व तीन वित्त वर्ष (2011-14) में 81.84 अरब डॉलर था। इसमें से 11.69 अरब डॉलर सरकार के मंजूरी मार्ग के जरिये प्राप्त हुए।
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