नई दिल्ली। देश में बीते साल 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का प्रवाह 37 फीसदी बढ़कर 39.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया। औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार, 2014 में देश में 28.78 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था। सबसे अधिक विदेशी निवेश कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में आया। उसके बाद सेवा, व्यापार कारोबार, वाहन उद्योग तथा रसायन क्षेत्र का स्थान रहा।
देश में सबसे अधिक विदेशी निवेश सिंगापुर के रास्ते आया। उसके बाद मॉरीशस, अमेरिका, नीदरलैंड और जापान का स्थान रहा। सरकार ने उदार एफडीआई नीति के जरिये निवेश को प्रोत्साहन के लिए कई कदम उठाए हैं। उसने एकल ब्रांड खुदरा, ई-कॉमर्स तथा निर्माण सहित कई क्षेत्रों में नियमों को उदार किया है।
चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के आईपीओ लाने की तैयारी में कंपनियां
अपने व्यापार के विस्तार, कार्यशील पूंजी की जरूरत और रिण चुकाने के लिए चालू वित्त वर्ष में कई कंपनियां करीब 15,000 करोड़ रुपए कीमत के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लेकर आने की तैयारी में है। आने वाले महीनों में दिलीप बिल्डकॉन, नई दिल्ली सेंटर फॉर साइट, उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज, क्वेस कॉर्प, हिंदुजा लीलेंड फाइनेंस और सीवेज शिपिंग एवं लॉजिस्टिक आदि की शेयर बिक्री पेशकश की योजना है।
प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने बताया कि मौजूदा समय में 25 कंपनियों की बाजार से 12,500 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है और इसके लिए उन्होंने सेबी से आवश्यक मंजूरी भी ले ली है। उन्होंने बताया कि अन्य छह कंपनियों ने करीब 3000 करोड़ रुपए जुटाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा किए हैं और मंजूरी का इंतजार है।
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