नई दिल्ली। सरकार द्वारा व्यापार सुगमता बढ़ाने व विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जाने के बीच सर्विस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) अप्रैल-दिसंबर की अवधि में 85.5 फीसदी बढ़कर 4.25 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के अनुसार सर्विस सेक्टर में अप्रैल-दिसंबर 2014 की अवधि में 2.29 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
सर्विस सेक्टर में बैंकिंग, बीमा, आउटसोर्सिंग, आरएंडडी, कुरियर व प्रौद्योगिकी परीक्षण आदि आते हैं। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सर्विस सेक्टर का योगदान 60 फीसदी से अधिक है। देश में कुल विदेशी निवेश प्रवाह में इस क्षेत्र में एफडीआई का हिस्सा 17 फीसदी रहा। जिन अन्य क्षेत्रों में विदेशी निवेश प्रवाह बढ़ा उनमें कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर (5.3 अरब डॉलर), व्यापार (2.71 अरब डॉलर), ऑटोमोबाइल (1.78 अरब डॉलर) तथा रसायन (1.19 अरब डॉलर) हैं।
सर्विस सहित अन्य क्षेत्रों में एफडीआई बढ़ने के कारण देश में कुल विदेशी धन अंतर्प्रवाह 2015-16 के पहले नौ महीने में 37 फीसदी बढ़कर 39.32 अरब डॉलर हो गया। एक साल पहले की अवधि में यह राशि 28.78 अरब डॉलर थी। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि सरकार ने बजट में सर्विस सेक्टर के लिए विदेशी निवेश नीतियों को और उदार बनाने की घोषणा की है इसलिए और निवेश आएगा।
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