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Hindi News पैसा बिज़नेस कोल्हापुरी चप्पलों को मिलेगी ग्लोबल पहचान, कारीगरों को प्रशिक्षण देगा FDDI

कोल्हापुरी चप्पलों को मिलेगी ग्लोबल पहचान, कारीगरों को प्रशिक्षण देगा FDDI

फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) कोल्हापुरी चप्पलों का विनिर्माण करने वाले कारीगरों के कौशल का विकास करेगा।

Kolhapuri Chappals - India TV Paisa Image Source : FILE Kolhapuri Chappals 

नयी दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (एफडीडीआई) कोल्हापुरी चप्पलों का विनिर्माण करने वाले कारीगरों के कौशल का विकास करेगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कोल्हापुरी चप्पल के कारीगरों को प्रशिक्षण से उन्हें खरीदारों से जोड़ने में मदद मिलेगी और इससे घरेलू और वैश्विक बाजारों में इसकी बिक्री बढ़ेगी। 

एफडीडीआई के प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि कोल्हापुरी चप्पल कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद हैं सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इस उत्पाद की घरेलू और वैश्विक बाजारों में भारी मांग है। कारीगरों को बेहतर डिजाइनिंग तथा अच्छे रंग के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षित करने पर वे अपने उत्पादों का अधिक प्रभावी तरीके से विपणन कर सकेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस कारोबार से जुड़े युवाओं को प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। 

सिन्हा ने कहा, ‘‘मैं इस पर प्राथमिकता से ध्यान दे रहा हूं। हम कारीगरों को एफडीडीआई के विद्यार्थियों तथा फैकल्टी के साथ बातचीत के लिए भी बुलाएंगे। कोल्हापुरी चप्पलों को प्रोत्साहन के लिए सरकार ने इसे भौगोलिक संकेतक (जीआई) का दर्जा दिया हुआ है। इन चप्पलों का विनिर्माण मुख्य रूप से महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सोलापुर, सांगली और सतारा तथा कर्नाटक के धारवाड़, बेलगाम, बागलकोट और बीजापुर में होता है। 

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