नयी दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने लॉकडाउन के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में राशन की दुकानों के जरिए गरीबों को खाद्यान्न देने के लिए लगभग 3.51 लाख टन खाद्यान्न की आपूर्ति की है। एफसीआई ने एक बयान में कहा कि 3.51 लाख टन खाद्यान्न में 1.74 लाख टन प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत और बाकी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत दिया गया है।
केंद्र सरकार लॉकडाउन के मद्देनजर पीएमजीएवाई के तहत तीन महीने के लिए प्रत्येक लाभार्थी को मुफ्त में पांच किलोग्राम खाद्यान्न और प्रति घर एक किलो दाल दे रही है। एनएफएसए के तहत सब्सिडी दर पर 81 करोड़ पीडीएस लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है। खाद्य मंत्रालय ने कहा, 'जब से देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई है, एफसीआई का पूर्वोत्तर के राज्यों पर खास ध्यान रहा है। कठिन भौगोलिक स्थितियों और सीमित रेल पहुंच के कारण यह क्षेत्र रसद आपूर्ति के नजरिए से काफी चुनौतिपूर्ण है।'
बयान में कहा गया, 'एफसीआई की लगातार कोशिश है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में पीडीएस पर अत्यधिक निर्भरता को देखते हुए इन राज्यों को चावल और गेहूं की निर्बाध आपूर्ति हो।' बयान में कहा गया कि इस दौरान असम को लगभग 2.16 लाख टन, मेघालय को 38 हजार टन, त्रिपुरा को 33 हजार टन, मणिपुर को 18 हजार टन, अरुणाचल प्रदेश को 17 हजार टन, मिजोरम को 14 हजार टन और नागालैंड को 14 हजार टन खाद्यान्न दिया गया।
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