इस्लामाबाद। आतंकवाद के वित्तपोषण पर लगाम लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के विशेषज्ञों का एक समूह वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक मानकों पर पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा करेगा। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के ऊपर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है। उसके ऊपर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को आश्रय देने का आरोप है।
एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था। इसका मतलब होता है कि उक्त देश मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में पूरी तरह कारगर कदम नहीं उठा रहा है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार एशिया-प्रशांत समूह का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को यहां पहुंच रहा है। प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह स्थानीय अधिकारियों से मिलकर वित्तीय अपराधों के खिलाफ वैश्विक मानकों की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति की समीक्षा करेगा।
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ खकान एच. नजीब ने कहा कि बैठकें मंगलवार से शुरू होंगी और गुरुवार तक चलेंगी। उन्होंने कहा कि समूह का प्रतिनिधिमंडल स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान, इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी प्राधिकरण, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और आतंकवाद रोधी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करेगा।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मंत्रालयों एवं अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों को पाकिस्तान के प्रदर्शन के बारे में विश्लेषकों को बताने का अवसर मिलेगा। एपीजी के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह की उप-इकाई एशिया-प्रशांत संयुक्त समूह में भारत की वित्तीय सतर्कता इकाई के महानिदेशक सह-अध्यक्ष हैं। पाकिस्तान भी एपीजी का एक सदस्य है और एपीजी ही एफएटीएफ के समक्ष पाकिस्तान का मामला पेश कर रहा है।
पाकिस्तान ने उचित, तार्किक और बिना भेदभाव की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए एफएटीएफ के अध्यक्ष मार्शल बिलिंग्सलीआ को पत्र लिखकर भारत की जगह किसी अन्य को संयुक्त समूह का नया सह-अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की है।
Latest Business News