नई दिल्ली। हाइवे पर टोल संग्रहण के लिए हाइटेक फास्टैग सिस्टम को 1 जनवरी से पूरे देश में अनिवार्य किया जा रहा है। इसके तहत नए साल से टोल प्लाजा पर कैश का प्रचलन खत्म हो जाएगा। फास्टैग की इसी अनिवार्यता के बीच 24 दिसंबर को फास्टैग ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। फास्टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह अब रिकॉर्ड 50 लाख लेनदेन के साथ 80 करोड़ रुपये प्रतिदिन पर पहुंच गया है। जो कि अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई के अनुसार, फास्टैग के जरिए टोल संग्रह 24 दिसंबर, 2020 को पहली बार 80 करोड़ रुपये प्रतिदिन के आंकड़े को पार कर गया। एनएचएआई ने अपने बयान में कहा है कि अब तक 2,20 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं।
एनएचएआई ने कहा, फास्टैग के जरिये टोल संग्रह 24 दिसंबर 2020 को पहली बार 80 करोड़ रुपये प्रतिदिन के आंकड़े को पार कर गया। फास्टैग लेनदेन 50 लाख प्रतिदिन के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। बयान में कहा गया है, एक जनवरी 2021 से वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा। इसके मद्देनजर टोल प्लाजा पर वाहनों को बिना किसी रुकावट की आवाजाही के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
एनएचएआई ने कहा कि फास्टैग की वजह से राजमार्गो का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों के समय और ईंधन दोनों की बचत हो रही है। बयान में कहा गया है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में हालिया संशोधन के साथ डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहन मिला है।
बयान में कहा गया, भुगतान बैंक वॉलेट से जुड़े फास्टैग के माध्यम से डिजिटल रूप से किया जाता है। एनएचएआई ने कहा कि ऐसे समय में जब सोशल डिस्टेंसिंग एक नया मानदंड बन गया है, ऐसे में यात्रियों को तेजी से एक टोल भुगतान विकल्प के रूप में फैस्टैग दिख रहा है, क्योंकि यह ड्राइवरों और टोल ऑपरेटरों के बीच किसी भी मानवीय संपर्क की संभावना को कम करता है।
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