कृषि कानूनों के समर्थन में आए ये 11 किसान संगठन, केंद्रीय मंत्री तोमर को सौंपा पत्र
सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों को पत्र लिखकर 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। इससे पहले दोनो पक्षों में कई दौर की बात हो चुकी है हालांकि अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू नए कृषि कानूनों के विरोध में एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान संगठनों का आंदोलन चल रहा है तो दूसरी ओर मोदी सरकार के कृषि सुधार के समर्थक किसान संगठनों का केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने और नए कानूनों का समर्थन करने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी कड़ी में देशभर से आए 11 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सोमवार को कृषि मंत्री तोमर से मुलाकात कर उन्हें अपने समर्थन-पत्र सौंपे।
कौन से कृषि संगठनों ने दिया समर्थन
देशभर से आए विभिन्न किसान संगठनों में इंडियन किसान यूनियन, नई दिल्ली, राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन, लखनऊ, राष्ट्रीय युवा वाहिनी लखनऊ, अखिल भारतीय बंग परिषद, नई दिल्ली, भारतीय किसान संगठन दिल्ली प्रदेश, कृषि जागरण मंच पश्चिम बंगाल, प्रगतिशील किसान क्लब हरियाणा, जे एंड के किसान काउंसिल जम्मू और कश्मीर, जे एंड के डेरी प्रोड्यूसर्स प्रोसेसर्स एंड मार्केटिंग कॉप. यूनियन लिमिटेड जम्मू, महाराष्ट्र राज्य कृषक समाज जलगांव महाराष्ट्र और भारतीय कृषक समाज गाजियाबाद के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। इन संगठनों ने कृषि मंत्री को समर्थन पत्र सौंपकर नए कृषि कानूनों को वापस न लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के हित में हैं।
कृषि मंत्री से किसान संगठनों की मुलाकात
इन संगठनों ने आज कृषि मंत्री के साथ मुलाकात की इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं है, उनके सामने एक सूत्रीय कार्यक्रम है देश का विकास और देश की जनता का कल्याण। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि देश की कृषि समृद्ध हो और अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। कृषि मंत्री ने देश में खाद्यान्नों के सरप्लस भंडारण का जिक्र करते हुए आगे कहा, आज सरकार की जिम्मेदारी है कि ऐसी नीतियां बनाई जाएं, जिसमें खाद्यान्न की बर्बादी न हो, कृषि में निजी निवेश आए, किसानों का शोषण रुके, उन्हें अपनी उपज के बेहतर व लाभकारी दाम मिले, किसान महंगी फसलों एवं उन्नत कृषि की ओर अग्रसर हो सके, इंस्पेक्टर राज खत्म हो सके, किसान वैश्विक मानक के अनुसार उत्पादन करे और हमारा कृषि निर्यात बढ़े, इसीलिए कृषि क्षेत्र में सुधार आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
कब होगी आंदोलनकारी किसानों और सरकार की बैठक
सरकार ने आंदोलनकारी किसान संगठनों को पत्र लिखकर 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। ये बैठक दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी। आंदोलनकारी किसान संगठनों के नेता कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने साफ कहा है कि वो इन कानूनों में संशोधन के लिए तैयार है लेकिन ये कानून निरस्त नहीं होंगे।