नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने आज संसदीय समिति के समक्ष दावा किया कि नोटबंदी के बाद से जाली मुद्रा की तस्करी पूरी तरह रुक गई है और कर विभाग ने 10 जनवरी तक 515 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की है। इसमें 114 करोड़ रुपए की नई करेंसी है।
सूत्रों के अनुसार लोक लेखा समिति के सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसने 9 नवंबर से 28 दिसंबर, 2016 तक छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई में 4,172 करोड़ रुपए की बेहिसाबी आय का पता लगाया है।
- वित्त मंत्रालय ने कहा कि 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने का मकसद आतंकवाद का वित्तपोषण रोकना था।
- खुफिया रिपोर्टों में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद जाली मुद्रा की तस्करी पूरी तरह रुक गई है।
- मंत्रालय ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कई तरह की नुकसानदेह गतिविधियों जैसे जासूसी, हथियारों की तस्करी तथा अन्य जाली चीजों की तस्करी रोकना है।
- इसके अलावा इसका मकसद कालेधन पर अंकुश लगाना भी है।
- कांग्रेस नेता के वी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति ने वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव हसमुख अधिया और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास आदि को बुलाया था।
- इसमें उनसे मौद्रिक नीति और नोटबंदी के प्रभाव के बारे में पूछा गया था।
- बैठक के दौरान थॉमस ने मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा कि नोटबंदी के बाद कितनी पुरानी करेंसी बैंकिंग प्रणाली में लौटी है।
- अधिकारियों ने पीएसी को सूचित किया कि रिजर्व बैंक नोटों को गिनने की प्रक्रिया में है और वह जल्द इस बारे में आंकड़े लेकर आएगा।
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