नई दिल्ली। शुक्रवार को अर्थव्यवस्था की हालत बताने वाले दो बड़े आंकड़े जारी हुए, जिसमें से एक ने सबको चौंकाया तो दूसरे ने निराश किया। नवंबर में देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। नवंबर के लिए आईआईपी का यह आंकड़ा अपने 17 माह के उच्च स्तर 8.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है। पिछले साल इसी महीने में आईआईपी का आंकड़ा 5.1 प्रतिशत था।
वर्ष 2017 में ही अक्टूबर माह में आईआईपी की वृद्धि दर 2.2 प्रतिशत थी। ब्लूमबर्ग के विश्लेषकों ने नवंबर में आईआईपी के 4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था, जो जारी हुए आंकड़े से बहुत पीछे छूट गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के नए वित्त वर्ष के लिए बजट को अंतिम रूप देने से पहले आईआईपी का यह सकारात्मक आंकड़ा कुछ मदद कर सकता है।
वहीं महंगाई के मोर्चे पर निराशाजनक खबर आई है। दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई है, जो आरबीआई की लक्षित सीमा से बहुत अधिक है। नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4.88 प्रतिशत थी। इससे अब केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट में कमी की उम्मीद धूमिल पड़ गई है।
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