Facebook ने खरीदी Jio Platform में 10% हिस्सेदारी, 43574 करोड़ रुपए में हुआ सौदा
सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी के मुताबिक 2022 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 85 करोड़ हो जाएगी, जो 2017 में 45 करोड़ थी।
नई दिल्ली। फेसबुक ने बुधवार को घोषणा की है कि वह मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी जियो इंफोकॉम में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपए) में करेगी। सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक की योजना इस सौदे के जरिये सबसे बड़े बाजार में अपने उपभोक्ता आधार को विस्तार देने की है।
फेसबुक ने अपने एक बयान में कहा है कि आज हम रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपए) का निवेश करने की घोषणा कर रहे हैं। इससे कंपनी में फेसबुक सबसे बड़ा अल्पसंख्यक शेयरधारक बन जाएगी।
रिलायंस ने अपने एक अलग बयान में कहा है कि फेसबुक द्वारा किए जाने वाले इस निवेश से जियो प्लेटफॉर्म का मूल्य 4.62 लाख करोड़ रुपए हो गया है। कंपनी ने कहा कि फेसबुक के इस निवेश से उसे जियो प्लेटफॉर्म में पूर्ण डायल्यूटेड आधर पर 9.99 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी मिलेगी।
जियो प्लेटफॉर्म, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है, जो डिजिटल सर्विस उपलब्ध कराती है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के 38.8 करोड़ उपभोक्ता हैं और यह जियो प्लेटफॉर्म की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है।
यह सौदा फेसबुक और जियो दोनों के लिए फायदे वाला है। इससे फेसबुक को भारत में अपनी पहुंच और अधिक गहराई तक पहुंचाने में मदद मिलेगी, जो चीन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है। फेसबुक के पास भारत में 40 करोड़ से अधिक व्हाट्सएप यूजर्स हैं और वह पेमेंट सर्विस शुरू करने की तैयारियों में जुटी हुई है।
वहीं दूसरी ओर रिलायंस जियो को एक डिजिटल कंपनी बनाने के लिए फेसबुक के टेक्नोलॉजी अनुभव और कौशल का लाभ उठाएगी। इसके अलावा इस सौदे से कंपनी मार्च 2021 तक अपने ऋण मुक्त बनने के लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी।
सलाहकार फर्म पीडब्ल्यूसी के मुताबिक 2022 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 85 करोड़ हो जाएगी, जो 2017 में 45 करोड़ थी। आरआईएल ने कहा है कि फेसबुक और जियो के बीच यह भागीदारी कई मायनों में महत्वपूर्ण है। दुनिया में किसी भी जगह एक टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा अल्पसंख्यक हिस्सेदारी के लिए यह अबतक का सबसे बड़ा निवेश है और भारत में टेक्नोलॉजी सेक्टर में यह अबतक का सबसे बड़ा एफडीआई है।