नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की सार्वजनिक नीति मामलों की प्रमुख अंखी दास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह सोशल मीडिया मंच पर नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों को लेकर पाबंदी लगाने के मामले में कथित पक्षपात करने को लेकर चर्चा में थीं। उनके द्वारा दिए गए इस्तीफे की जानकारी देते हुऐ फेसबुक के भारत में प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने ई-मेल के जरिये बयान में कहा, ‘‘अंखी दास ने फेसबुक में अपने पद से हटने का निर्णय किया है। उन्होंने जन सेवा में अपनी रुचि के अनुसार काम करने के लिये यह कदम उठाया है। अंखी हमारे उन पुराने कर्मचारियों में शामिल हैं, जिन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायी। उन्होने साथ ही कहा कि अंखी पिछले 2 साल से उनके साथ काम कर रही हैं, और उन्होने कंपनी को बढ़ाने में काफी योगदान दिया है।
दास 2011 में फेसबुक से जुड़ी थी। मोहन ने कहा, ‘‘वह पिछले दो साल से मेरी टीम का हिस्सा थी। उन्हें जो भूमिका दी गयी थी, उन्होंने शानदार योगदान दिया। हम उनकी सेवा के आभारी हैं और उन्हें भविष्य के लिये शुभकामनाएं देते हैं।’’ दास ने कहा कि उन्होंने फेसबुक से इस्तीफा देने का निर्णय किया है ताकि जन सेवा में अपनी व्यक्तिगत रूचि के अनुसार काम कर सके। फेसबुक ने उनके इस्तीफे को विवादस्पद मामले से नहीं जोड़ा है। लेकिन कहा है कि कंपनी में मंगलवार उनका आखिरी दिन था। दास को लेकर विवाद 15 अगस्त को वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ। रिपोर्ट में उन पर आरोप लगाया गया कि अंखी दास ने भाजपा नेताओं द्वारा की गई नफरत फैलाने वाली टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई को बाधित किया। हालांकि फेसबुक ने इन सभी आरोपों को गलत कहा है।
हाल ही में सरकार ने फेसबुक से राजनीति से जुड़े कंटेट को लेकर सवाल जवाब किए थे। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते डाटा की प्राइवेसी के मुद्दे पर अंखी दास से भी स्टैंडिग कमेटी ने सवाल जवाब किए थे। समिति ने सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल को लेकर भी सवाल किए थे। इसके साथ ही उन पर फेसबुक की हेट स्पीच पॉलिसी को लेकर बीजेपी का पक्ष लेने का भी आरोप लगा था। विपक्षी दलों ने इस मामले में कंपनी से शिकायत भी की, हालांकि फेसबुक ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। वहीं अंखी ने अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों भेजे गए मेल में कहा है कि उन्हे लगता है कि भारत के लोगों को कनेक्ट करने का मिशन पूरा हुआ है। फिलहाल कंपनी ने जानकारी नहीं दी है कि उनकी जगह कौन लेगा।
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