चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य के लिए आक्रामक मार्केटिंग रणनीति जरूरी: फियो
फियो के मुताबिक ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से देश के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नई दिल्ली। निर्यातकों के संगठन फियो ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 400 अरब डॉलर के ‘थोड़े महत्वाकांक्षी’ निर्यात लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आक्रामक मार्केटिंग रणनीति और नए बाजारों में उतरने की जरूरत है। भारतीय निर्यात संगठनों के संघ (फियो) के नव निर्वाचित अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से देश के निर्यात को बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन समझौतों से मार्केटिंग को बढ़ावा मिल सकता है और इससे विदेशी निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने पत्रकारों ने कहा, ‘‘निवेश आकर्षित करने और इकाइयों को स्थानांतरित करने में वियतनाम की सफलता के कई कारणों में एक दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ उसका प्रभावी एफटीए है। यह बेहद उत्साहजनक है कि सरकार कई व्यापार भागीदारों के साथ इस दिशा में एक साथ आगे बढ़ रही है।’’
उन्होंने उद्योग और सरकार दोनों से अपने मार्केटिंग बजट को बढ़ाने का आग्रह किया। शक्तिवेल ने सरकार को सुझाव दिया कि एमएआई कोष (Market Access Initiative fund) को 200 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से बढ़ाया जाए और अगले पांच वर्षों में निर्यात को 1,000 अरब अमेरिकी डालर तक ले जाने के लिए मार्केटिंग योजना तैयार की जाए। उनका कहना है कि इसके लिए फंड को सालना 1000 करोड़ रुपये तक ले जाने का भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डालर के निर्यात का लक्ष्य रखा है। यह अभी कुछ बड़ा लगता है पर इसे प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए आक्रामक मार्केंटिंग नीति और नए बाजारों में कदम रखने की जरूर होगी ।
फियो के नए अध्यक्ष ने कहा, ‘ मेरी प्रथमिकता निर्यात को प्रोत्साहित करने की होगी। मैं एक निर्यात संवर्धन प्रकोष्ठ बनाऊंगा । यह प्रकोष्ठ निर्यात के लिए नए बाजारों और नए उत्पादों की पहचान करेगा।’ फियो विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों से सीधा सम्पर्क बना कर संबंधित देश में भारतीय माल और सेवाओं का निर्यात बढाने के प्रयास करने की योजना पर विचार कर रहा है। शक्तिवेल ने कहा कि ‘निर्यात राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी हितधारकों को इस प्रयास में तालमेल से काम करना चाहिए।’