देश का वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में 42.33 प्रतिशत बढ़कर 35.47 अरब डॉलर पर
आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर, 2021 में व्यापार घाटा 19.9 अरब डॉलर और अप्रैल-अक्टूबर, 2021 के दौरान 98.71 अरब डॉलर रहा।
नई दिल्ली: भारत का वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में 42.33 प्रतिशत बढ़कर 35.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया। ऐसा मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन की वजह से हुआ। सरकार द्वारा सोमवार को जारी शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अक्टूबर, 2020 में निर्यात 24.92 अरब डॉलर और अक्टूबर, 2019 में 26.23 अरब डॉलर रहा था।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "अक्टूबर, 2021 में भारत का वस्तुओं का निर्यात 35.47 अरब डॉलर रहा, जो अक्टूबर, 2020 के 24.92 अरब डॉलर से 42.33 प्रतिशत और अक्टूबर, 2019 के 26.23 अरब डॉलर से 35.21 प्रतिशत अधिक है।" इस दौरान देश का आयात भी अक्टूबर, 2020 के 34.07 अरब डॉलर से 62.49 प्रतिशत बढ़कर 55.37 अरब डॉलर हो गया। यह अक्टूबर, 2019 में 37.99 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर, 2021 में व्यापार घाटा 19.9 अरब डॉलर और अप्रैल-अक्टूबर, 2021 के दौरान 98.71 अरब डॉलर रहा। अक्टूबर में व्यापार घाटा बढ़ने की वजह सोने के आयात का दोगुना होना है। अक्टूबर में सोने का आयात 5.1 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले 2.49 अरब डॉलर था। इसमें 104.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात सालाना आधार पर 50.7 प्रतिशत बढ़कर 9.38 अरब डॉलर हो गया। कुल निर्यात में इंजीनियरिंग वस्तुओं का हिस्सा 28.19 प्रतिशत रहा।
पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी सालाना आधार पर 231.63 प्रतिशत बढ़कर 5.19 अरब डॉलर रहा। रत्न और आभूषण क्षेत्र से निर्यात 44.24 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर हो गया। यह क्षेत्र निर्यात में एक बड़ा योगदान देता है। श्रम गहन कपड़ा क्षेत्र से निर्यात अक्टूबर में 6.4 प्रतिशत बढ़कर 1.25 अरब डॉलर हो गया। कुल निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत रही।
भारत ने अक्टूबर, 2020 के 96.6 करोड़ डॉलर के मुकाबले समीक्षाधीन महीने के दौरान 1.34 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात किया। आयात के मोर्चे पर, पेट्रोलियम, कच्चे तेल और उत्पादों का आयात अक्टूबर, 2020 के छह अरब डॉलर से 140.5 प्रतिशत बढ़कर 14.43 अरब डॉलर हो गया। इलेक्ट्रॉनिक सामानों का आयात 6.81 अरब डॉलर (23 प्रतिशत की वृद्धि) रहा जबकि और मशीनरी, विद्युत एवं गैर-विद्युत खंड का आयात 3.54 अरब डॉलर (41.78 प्रतिशत की वृद्धि) रहा।