नई दिल्ली। निर्यातकों ने शुक्रवार को सरकार से खतरनाक कोरोना वायरस के व्यापार पर पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा का आग्रह किया है। इसका कारण चीन का भारत का शीर्ष व्यापार भागीदार होना है। भारतीय निर्यात संगठनों के परिसंघ (फियो) ने कहा कि अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, इसका घरेलू मोबाइल विनिर्माण पर असर पड़ सकता है क्योंकि कुछ उपकरणों का निर्यात चीन से ही होता है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, ‘‘अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो मोबाइल निर्यातकों के लिये समस्या हो सकती है। क्योंकि वे काफी सारे उपकरण पड़ोसी देश से आयात करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि हांगकांग और चीन की ओर से एन 72 मास्क के आयात को लेकर जानकारी मांगी गयी है।
सहाय ने कहा, ‘‘हमने उन्हें आपूर्तिकर्ताओं का ब्योरा उन्हें दिया है।’’ इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यातकों ने कहा कि इंजीनियरिंग वस्तुओं के निर्यात के लिये शीर्ष 10 गंतव्यों में चीन शामिल है। इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने सरकार से खतरनाक कोरोना विषाणु के व्यापार पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव की समीक्षा का आग्रह किया है।’’ ईईपीसी के अनुसार चीन को भारतीय इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 27.60 प्रतिशत बढ़कर 1.77 अरब डॉलर (12,600 करोड़ रुपये) रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.33 अरब डॉलर (करीब 9,500 करोड़ रुपये) था।
ईईपीसी के चेयरमैन रवि सहगल ने कहा, ‘‘वास्तव में चीन इंजीनियरिंग वस्तुओं के लिये 10वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा। इसमें लोहा और स्टील का दबदबा है।’’ सहगल ने कहा कि चीन के कई शहरों में परिवहन और यात्रा पाबंदी की खबर है। ऐसे में देश व्यापार पर वास्तविक प्रभाव का आकलन करने का प्रयास कर रहा है। चीन में खतरनाक कोरोना वायरस से मध्य हुबेई प्रांत में 25 लोगों के मरने की खबर है। इसके साथ वहां इस वायरस से मरने वालों की संख्या 132 पहुंच गयी है। वहीं करीब 6,000 संक्रमित हैं।
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