नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद निर्यातकों ने पहले चार महीनों जुलाई से अक्टूबर के लिए 6,500 करोड़ रुपए के रिफंड के लिए आवेदन किया है। सरकार ने आज यह जानकारी दी।
सरकार ने निर्यातकों से कहा है कि यदि वे अपने दावों का जल्द निपटान चाहते हैं तो रिफंड को उचित फॉर्म और साथ में माल भेजने के बिल की प्रति लगाएं। इसके अलावा कंपनियों से कहा गया है कि वे अगस्त के लिए अंतिम बिक्री रिटर्न जीएसटीआर-एक को जीएसटी नेटवर्क के पोर्टल पर चार दिसंबर से अपलोड कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि खेप भेजने के बिलों के साथ जुलाई से अक्टूबर तक की अवधि के लिए आईजीएसटी रिफंड दावा करीब 6,500 करोड़ रुपए का है। इसी तरह जीएसटीएन पोर्टल पर डाले गए आरएफडी-01ए आवेदनों के हिसाब से इनपुट या इनपुट सेवाओं पर बिना इस्तेमाल वाला क्रेडिट 30 करोड़ रुपए बैठता है।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने पिछले महीने ऐसे निर्यातकों का रिफंड शुरू किया था, जिन्होंने एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान किया है और टेबल 6ए भरने के बाद माल भेजने के बिलों के जरिये रिफंड के लिए आवेदन किया है।
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