नई दिल्ली। नवंबर के महीने में भारत का निर्यात 9 फीसदी की गिरावट के साथ 23.43 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है। वहीं आयात 13.33 फीसदी की गिरावट के साथ 33.39 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। आयात में तेज गिरावट की वजह से व्यापार घाटा भी कम होकर 9.96 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
वहीं देश के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह यानि अप्रैल से नवंबर के दौरान 17.84 प्रतिशत की गिरावट रही है। इस दौरान आयात भी 33.56 प्रतिशत घटा है। वाणिज्य सचिव अनूप वाधवन ने बुधवार को यह जानकारी दी। निर्यात के मुकाबले आयात में तेज गिरावट दर्ज होने की वजह से इस अवधि के दौरान व्यापार घाटा भी नीचे आया है। वाणिज्य सचिव ने व्यापार बोर्ड (बीओटी) की बैठक में कहा, ‘‘2020-21 में अप्रैल से नवंबर के दौरान निर्यात 17.84 प्रतिशत घटा है। यदि हम रत्न एवं आभूषण तथा पेट्रोलियम को अलग कर दें, तो यह गिरावट कम रही है। ऐसे क्षेत्र जहां आर्थिक गतिविधियां मूल्धवर्धन की दृष्टि से अर्थपूर्ण रही हैं, उनमें गिरावट कम है।’’
सचिव ने कहा कि वित्त वर्ष के पहले आठ माह में फार्मा क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इस क्षेत्र का निर्यात 15 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा चावल का निर्यात 39 प्रतिशत और लौह अयस्क का 62 प्रतिशत बढ़ा है। इस मौके पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आगे चलकर इस बात की काफी संभावना है कि हम 2025 तक 1,000 अरब डॉलर के निर्यात के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘देश काफी तेज सुधार के दौर में है। उद्योगों की जुझारू क्षमता बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भारत की ओर देख रही है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभाग उन क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं और उन्हें समर्थन प्रदान कर रहे हैं, जिनमें भारत लाभ की स्थिति मे है। गोयल ने कहा कि हमने 24 ऐसे उद्योगों की पहचान की है, जिनके बारे में हमारा मानना है कि हम 20 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक विनिर्माण जोड़ सकते हैं। ‘‘मैं राज्यों से अपील करना चाहूंगा कि वे केंद्र सरकार के प्रयासों को जमीन पर उतारने में सहायक बनें।’’
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