नई दिल्ली। करदाताओं पर अधिकार क्षेत्र को लेकर GST परिषद में गतिरोध बने रहने के साथ वस्तु एवं सेवा कर (GST) एक जुलाई से लागू हो सकता है क्योंकि उद्योग को स्वयं को तैयार करने के लिए समय की जरूरत होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद ने अब अपनी छह बैठकों में 10 मुद्दों पर आम सहमति से फैसला किया है जबकि तीन और मुद्दे-दोहरा नियंत्रण, कर के दायरे में आने वाले जिंसों की सूची तथा CGST एवं IGST मॉडल कानून-अभी लंबित है।
यह भी पढ़ें : RBI ने अब तक 5.50 लाख करोड़ रुपए की नई करेंसी मार्केट में पहुंचाई : शक्तिकांत दास
पीडब्ल्यूसी इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुमित लुंकेर ने कहा
एक अप्रैल से GST लागू करने की समयसीमा चुनौतीपूर्ण लग रही है क्योंकि CGST और IGST कानून फरवरी की शुरूआत में बजट सत्र में पारित हो सकता है। उसके बाद राज्यों को अपने-अपने विधानसभाओं में SGST पारित कराना होगा।
उन्होंने कहा, कानून के पारित होने के बाद उद्योग को GST के लिये तैयार होने को लेकर खासकर IT बुनियादी ढांचा के मोर्चे पर कम-से-कम 3-4 महीने समय की जरूरत होगी। इसके क्रियान्वयन के लिये एक जुलाई का समय व्यावहारिक जान पड़ता है।
यह भी पढ़ें : Axis Bank की MD शिखा शर्मा ने अपने ग्राहकों को लिखी चिट्ठी, कुछ कर्मचारियों के व्यवहार से शर्मिंदा और परेशान हूं
नानगिया एंड कंपनी निदेशक (Indirect Taxation) रजत मोहन ने कहा
GST के क्रियान्वयन के लिये एक जुलाई बेहतर है क्योंकि उद्योग को नई कराधान व्यवस्था की ओर जाने में समय चाहिए।
GST के लिए अभी काफी काम किए जाने की है जरूरत
- बीएमआर एंड एसोसिएट्स एलएलपी के भागीदारी महेश जयसिंह ने कहा कि एक अप्रैल की समय-सीमा का पालन करने के लिये काफी काम किए जाने की जरूरत है।
- वास्तविक समयसीमा एक जुलाई लगती है।
- आज की तारीख में सेवा क्षेत्र में कानून की व्याख्या को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति है और उसे सरकार से स्पष्टता का इंतजार है।
- वित्त मंत्री जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि GST क्रियान्वित करने से पहले अभी कुछ मुद्दे बचे हुए हैं और नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था 1 अप्रैल से 16 सितंबर 2017 के बीच लागू होने की संभावना है।
Latest Business News