नई दिल्ली। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने बुधवार को कहा कि त्योहारों और शादियों के सीजन की मांग के कारण आने वाले महीनों में देश के सोने के आयात में और वृद्धि होने की उम्मीद है। सोने का आयात अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान लगभग 24 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसका चालू खाता घाटे (कैड) पर असर पड़ता है। जीजेईपीसी ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान आयात में उतार-चढ़ाव की प्रवृत्ति देखी गई है और यह कोविड के पहले के वर्षों के आंकड़ों के बराबर आ गया है। जीजेईपीसी ने कहा कि साल 2021 के दौरान मई (12.98 टन) और जून (17.57 टन) में सोने का आयात दूसरी विनाशकारी कोविड लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसके चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लग गया। इससे रत्न और आभूषण सहित कई उद्योग प्रभावित हुए। जीजेईपीसी ने कहा कि आयात अगस्त में बढ़ा। माह के दौरान आयात का आंकड़ा 118.08 टन रहा। यह सोने के आयात का दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। जीजेईपीसी के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि जुलाई, अगस्त और सितंबर 2021 के दौरान आयात में वृद्धि लॉकडाउन के हटने, घरेलू और निर्यात मांग में सुधार और त्योहारी सीजन की शुरुआत के कारण हुई है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादों की मांग में तेज वृद्धि हुई है।
हाल में आये आंकड़ों के मुताबिक देश का सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर, 2021 के दौरान कई गुना बढ़कर 24 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में सोने का आयात 6.8 अरब डॉलर रहा था। इस साल सितंबर में सोने का आयात भी कई गुना बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया। बीते साल में यह 60.14 करोड़ डॉलर रहा था। वहीं दूसरी ओर अप्रैल-सितंबर में चांदी का आयात 15.5 प्रतिशत घटकर 61.93 करोड़ डॉलर रह गया। हालांकि, सितंबर में चांदी का आयात बढ़कर 55.3 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया, जो सितंबर, 2020 में 92.3 लाख डॉलर रहा था। सोने के आयात में उल्लेखनीय बढ़ोतरी से सितंबर में देश का व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर बढ़कर 22.6 अरब डॉलर हो गया। एक साल पहले समान महीने में यह 2.96 अरब डॉलर रहा था।
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