नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल यातायात में वृद्धि के लिए नेटवर्क एक गंभीर बाधा है। उन्होंने कहा कि निवेश के साथ नेटवर्क विस्तार समय की जरूरत है। मंत्री ने ऑल-इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे में बुनियादी ढांचा की कमी है। उन्होंने मौजूदा बाधा के लिए रेल क्षेत्र में पिछले कई साल से किए गए कम निवेश को जिम्मेदार ठहराया।
प्रभु ने कहा कि हम पिछली गलतियों से प्रभावित हैं। रेलवे में आज की समस्या पिछली गतिविधियों का नतीजा है। फिलहाल सभी बड़े मार्ग भारी भीड़ की समस्या से जूझ रहे हैं, इससे मालगाड़ी एवं यात्री ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
मंत्री ने कहा, कुल रेल मार्ग का 17 प्रतिशत यातायात भाड़ का 60 प्रतिशत वहन कर रहे हैं। हमारी कुछ लाइन 100 प्रतिशत क्षमता का उपयोग कर रही हैं। इसीलिए हमने नई लाइन बिछाने और दोहरीकरण जैसे रेल विस्तार का काम बड़े पैमाने पर चालू किए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे में निवेश का अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों (गुणक) प्रभाव पड़ेगा।
रेलवे में बदलाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब शिकायतों का समाधान तत्काल किया जा रहा है क्योंकि कोई भी इसे सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए त्वरित पंजीकरण करा सकता है। प्रभु ने कहा, यात्रियों को जो भी समस्या है, उसका समाधान तुरंत किया जा रहा है। चाहे साफ-सफाई का मुद्दा हो या टीटीई रिश्वत मांग रहा है, कोई भी इसके समाधान की तुरंत मांग कर सकता है। रेलवे लोगों को यात्रा संबंधित समस्याओं को सोशल नेटवर्किंग साइट पर डालने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है क्योंकि इसके लिए अलग से कर्मचारी हैं जो इस पर 24 घंटे नजर रखते हैं।
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