नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंचने के बीच पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार गरीब और मध्यम वर्ग को लेकर चिंतित है। हालांकि, उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि को कम रखने के लिए उत्पाद शुल्क कटौती के बारे में कुछ नहीं कहा। प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने के लिए यूरोप में कुछ पाइपलाइन की गड़बड़ी और सर्दियों की बढ़ी मांग को मुख्य वजह बताया।
उन्होंने कहा, हमें इंतजार करना चाहिए, फिलहाल, भारत में दाम नियंत्रण में हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार उत्पाद शुल्क कटौती पर विचार कर रही है जवाब में उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्पाद शुल्क में कटौती की गई। कुछ राज्यों ने भी वैट कम किया है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, चीजें किस तरह आगे बढ़ती हैं, देखते हैं, लेकिन सरकार गरीब लोग और मध्यम वर्ग को लेकर काफी चिंतित है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने पर सरकार ने अक्टूबर में पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की थी। इस कटौती के बाद इनके दाम में कमी आई थी। उत्पाद शुल्क कटौती से सरकार के खजाने पर वर्ष के बाकी बचे महीनों में 13,000 करोड़ रुपए की कमी आएगी।
इससे पहले सरकार ने नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 के बीच कई बार पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम नीचे चल रहे थे।
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