बजट 2020: पूर्व वित्त सचिव गर्ग ने उपकर, अधिभार रहित चार दर वाले आयकर ढांचे की वकालत की
आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर बढ़ती सुगबुगाहट के बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को बिना उपकर या अधिभार के चार दर वाले व्यक्तिगत आयकर ढांचे की वकालत की है।
नयी दिल्ली। आयकर स्लैब में बदलाव को लेकर बढ़ती सुगबुगाहट के बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने रविवार को बिना उपकर या अधिभार के चार दर वाले व्यक्तिगत आयकर ढांचे की वकालत की है। वित्त मंत्रालय द्वारा सितंबर में कंपनी कर में भारी कटौती किए जाने के बाद व्यक्तिगत आयकर की दरों में कटौती की मांग जोर पकड़ने लगी है। अधिभार और उपकर के चलते व्यक्तिगत आयकर में विकृति बढ़ती चली गई है।
गर्ग ने ब्लॉग में कहा है, 'चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनी कर ढांचे को तर्कसंगत और प्रतिस्पर्धी बना दिया गया है। इस बारे में और किसी कदम की उम्मीद नहीं है। बहरहाल, व्यक्तिगत आयकर के कराधान ढांचे में कुछ प्रमुख कर सुधारों को आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि आयकर के मामले में करीब आठ स्लैब हैं जिनमें सबसे ऊंची कर की दर 40 प्रतिशत से भी अधिक है।
आयकर कर ढांचे में सुधार पर जोर देते हुए गर्ग ने कहा, 'पांच लाख रुपए सालाना तक की करयोग्य आय पर कोई कर नहीं होना चाहिए। पांच से दस लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत, 10 से 25 लाख पर 15 प्रतिशत, 25 से 50 लाख रुपए की वार्षिक आय पर 25 प्रतिशत और 50 लाख रुपए से अधिक की आय पर 35 प्रतिशत की दर से आयकर होना चाहिए। इस तरह का व्यक्तिगत आयकर ढांचा काफी सरल और उचित ढांचा होगा।'
उन्होंने कहा कि इस तरह के कर ढांचे में कोई भी उपकर और अधिभार नहीं होना चाहिए। ऐसे कर ढांचे का करदाताओं के बीच स्वागत होगा। गर्ग ने कहा कि इस आयकर ढांचे का राज्य भी स्वागत करेंगे और उनकी शिकायत भी दूर होगी। इससे राजस्व प्राप्ति पर भी ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। गर्ग ने मोदी सरकार के तीन बजट तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि डिजिटल बैंकिंग और रिकार्ड कीपिंग का लाभ उठाते हुये लाभांश वितरण कर (डीडीटी) समाप्त करने का यह सही समय है।
गर्ग ने कहा, 'करदाता पर लाभांश आय के लिए लगने वाला कर, उसकी आयकर दर के आधार पर ही लगे। दूसरी तरफ किसी कंपनी द्वारा किसी व्यक्ति को 10,000 रुपए से अधिक लाभांश वितरण पर 20 प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) काटने का प्रावधान रखा जा सकता है।' गर्ग ने यह भी सुझाव दिया कि पूंजीगत लाभ कर में व्यापक सुधार करते हुये दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर को जारी रखा जा सकता है। गर्ग ने माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को 'अभी भी कार्य प्रगति पर है' जैसा बताया। उन्होंने कहा कि इनवायस अपलोडिंग और उसकी मिलान प्रक्रिया और अन्य जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिये।