नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 का बजट कृषि और समाजिक क्षेत्र खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है। राज्य सभा में आम बजट 2019-20 पर साधारण चर्चा के बाद उत्तर देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में राजकोषीय मजबूती के लक्ष्यों से समझौता किए बिना निवेश बढ़ाने के उपायों पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच साल के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश के प्रतिबद्ध है और यह एक महात्वाकांक्षी लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि बजट देश में निवेश को बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रतिबिंबत करता है। 5 जुलाई को लोक सभा में पेश किए गए बजट में, वित्त मंत्री ने कहा था कि केंद्र का शुद्ध कर राजस्व वित्त वर्ष 2019-20 में 16.49 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान। यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 11.3 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि इस साल के बजट में राजस्व, व्यय के सभी अनुमान उचित हैं और प्रावधान पर्याप्त तरीके से किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले दस वर्षों के लिए व्यापक कदम उठाने की परिकल्पना की गई है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का मध्यावधि लक्ष्य भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है।
उन्होंने कहा कि भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य बिना योजना के तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ाने के लिए एफडीआई नियमों को और सरल बनाया जाएगा, 400 करोड़ रुपए टर्नओवर वाली कंपनियों पर कम कॉरपोरेट टैक्स दर का लाभ दिया जाएगा और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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