भुवनेश्वर। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि देश में ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय कारकों से हो रही है और अब यह जरूरी हो गया है कि पेट्रोल तथा डीजल को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाया जाए।
प्रधान ने यहां एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा कि ईंधन कीमतों में जो असामान्य वृद्धि हो रही है वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक स्थिति की वजह से है। केंद्र इसे लेकर सतर्क है।
प्रधान ने कहा कि अब यह जरूरी हो गया है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए। दोनों अभी जीएसटी में नहीं हैं, जिससे देश को करीब 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। यदि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाता है तो यह उपभोक्ताओं सहित सभी के हित में होगा।
केंद्र द्वारा ईंधन कीमतों में कटौती के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि कोई सिर्फ उत्पाद शुल्क घटाकर इस मुद्दे का प्रभावी तरीके से हल नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ईरान, वेनेजुएला तथा तुर्की जैसे देशों में राजनीतिक स्थिति की वजह से कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन ओपेक भी कच्चे तेल का उत्पादन नहीं बढ़ा पाया है, जबकि उसने इसका वादा किया था।
प्रधान ने कहा कि भारत लगातार अमेरिका के साथ बातचीत कर रहा है, जो कच्चे तेल के उत्पादन को प्रभावित करता है। कल 2+2 चर्चा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी तेल की कीमतों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि रुपए के अवमूल्यन से भी तेल की कीमतें बढ़ रही हैं।
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