नई दिल्ली। एस्सार स्टील मामले में एक रोचक मोड़ आ गया है। एस्सार स्टील के निदेशक मंडल और शेयरधारकों ने कंपनी को दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रिया (आईबीसी) से बाहर निकालने के लिए बैंकों को 54,389 करोड़ रुपए का भुगतान करने की पेशकश की है।
कंपनी ने कर्जदाताओं का सारा बकाया भुगतान करने के लिए 47,507 करोड़ रुपए के शुरुआती नकदी भुगतान समेत कुल 54,389 करोड़ रुपए की राशि की पेशकश की है। यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब ऋणदाताओं की समिति आर्सेलर मित्तल द्वारा एस्सार स्टील के अधिग्रहण के ऊपर निर्णय लेने वाली है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि एस्सार स्टील के शेयरधारकों ने गुरुवार को दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता की धारा 12ए के तहत ऋणदाताओं की समिति को 54,389 करोड़ रुपए के भुगतान की पेशकश की, ताकि वित्तीय ऋणदाताओं, परिचालन ऋणदाताओं, कर्मचारियों आदि का पूरा बकाया चुकाया जा सके।
इस पेशकश में ऋणदाताओं को शुरू में 47,507 करोड़ रुपए का नकद भुगतान करने का प्रस्ताव शामिल है। इसका मतलब हुआ कि सुरक्षित वित्तीय ऋणदाताओं का पूरा बकाया वापस मिलना सुनिश्चित हो जाएगा।
बयान में कहा गया है कि ऋणदाताओं की समिति पर्याप्त अनुपात में समर्थन के आधार पर इस प्रस्ताव पर विचार करने और इसे मंजूर करने को सक्षम है, जिसके आधार पर कंपनी को दिवाला एवं ऋण शोधन प्रक्रिया से बाहर निकाला जा सकता है।
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