नई दिल्ली। रुइया के स्वामित्व वाले एस्सार ग्रुप ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से 4,000 करोड़ रुपए का रिफंड मांगा है। ग्रुप ने छह साल पहले टेलिकॉम वेंचर में अपनी हिस्सेदारी ब्रिटेन की वोडाफोन को बेचे जाने के दौरान काटे गए 4,000 करोड़ रुपए के कैपिटल गेन्स टैक्स का रिफंड मांगा है। ग्रुप की मॉरीशस इकाई, एस्सार कम्युनिकेशंस ने जुलाई, 2011 में अपनी 22 प्रतिशत हिस्सेदारी वोडाफोन एस्सार को 4.2 अरब डॉलर में बेची थी।
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वोडाफोन ने स्रोत पर कर कटौती (TDS) के रूप में 88 करोड़ डॉलर यानी 4,000 करोड़ रुपए रखने के बाद एस्सार को 3.32 अरब डॉलर का भुगतान किया। बाद में उसने यह राशि एस्सार के दीर्घावधि के लिए पूंजीगत लाभ पर कर के रूप में आयकर विभाग के पास जमा करा दिया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एस्सार कम्युनिकेशंस ने अथॉरिटी फॉर एडवांस्ड रूलिंग्स (AAR) में अपील कर वोडाफोन द्वारा जमा कराए गए कर का रिफंड करने की मांग की है। एस्सार का मानना है कि भारत-मॉरीशस संधि के तहत कोई कर नहीं बनता।
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हालांकि एस्सार कम्युनिकेशंस के दावे का विरोध करते हुए कहा कि यह सौदा इस तरीके से किया गया जिससे संधि के प्रावधान का दुरुपयोग किया जा सके। इस बारे में संपर्क करने पर एस्सार के प्रवक्ता ने टैक्स रिफंड के लिए आवेदन करने की पुष्टि करते हुए कहा कि इस कर को जुलाई, 2011 में यूरो पैसिफिक सिक्योरिटीज लि. मॉरीशस (ESPL)-वोडाफोन ने रोका था। प्रवक्ता ने कहा कि यह आवेदन एस्सार मॉरीशस कंपनीज ने सितंबर, 2012 में किया और जुलाई, 2015 में इसे सुनवाई के लिए स्वीकार किया गया। 2016-17 में इस पर कई सुनवाई हो चुकी हैं।
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