रिलायंस गैस का बड़ा हिस्सा एस्सार-अडाणी-गेल ने खरीदा, उर्वरक कंपनियां निविदा से नदारद
एस्सार स्टील, अडाणी समूह और सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के नये उत्पादन क्षेत्रों से मिलने वाली प्राकृतिक गैस के बड़े हिस्सा खरीद लिया है।
नयी दिल्ली। एस्सार स्टील, अडाणी समूह और सार्वजनिक क्षेत्र की गेल इंडिया ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के नये उत्पादन क्षेत्रों से मिलने वाली प्राकृतिक गैस के बड़े हिस्सा खरीद लिया है। तीनों ने केजी-डी6 में नये फील्डों से उत्पादित गैस 5.1 से 5.16 डॉलर प्रति यूनिट के भाव पर बोली लगाई है लेकिन उर्वरक कंपनियां इस नीलामी से दूर रहीं।
मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार एस्सार स्टील ने 22.5 लाख घन मीटर प्रति दिन गैस की खरीदारी की है। यह देश में 15 नवंबर को करीब 5.30 घंटे चली नीलामी में उपलब्ध मात्रा का करीब आधा है। गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) ने 12 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस हासिल की है जबकि अदाणी समूह और महानगर गैस लि. ने तीन लाख इकाई गैस खरीदी। वहीं उर्वरक कंपनियों की तरफ से काम कर रही गेल ने 3 लाख इकाई गैस खरीदी।
उर्वरक कंपनियों ने सीधे नीलामी में भाग नहीं लिया। इससे उन्हें महंगे आयातित तरलीकिृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की जगह सस्ते गैस के उपयोग में मदद मिलती। ये कंपनियां 9 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) अल्पकालीन एलएनजी आयात अनुबंध के तहत 30 लाख यूनिट खरीदती हैं। वहीं दीर्घकालीन अनुबंधों के तहत 2.3 करोड़ यूनिट 11.5 डॉलर प्रति इकाई के भाव पर खरीदती हैं।
उर्वरक कंपनियां अगर इसमें खरीदारी करतीं तो उन्हें महंगे आयातित एलएनजी से छुटकरा मिल सकता था जिससे सालाना कम-से-कम 800 करोड़ रुपये सब्सिडी की बचत होती। सूत्रों के अनुसार वहीं गेल के जरिये मिलने वाली रिलायंस की गैस की कीमत उन्हें 6.5 से 7 डॉलर प्रति यूनिट पड़ेगी। अगर वे सीधे बोली लगाती और अधिक मात्रा में गैस खरीदती वे महंगे एलएनजी से बच सकती थी। इससे सालाना उर्वरक सब्सिडी के रूप में कम-से-कम 800 करोड़ रुपए की बचत होती।
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने 3.5 लाख और गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लि. (जीएसएफसी)/गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लि. (जीएनएफसी) ने एक लाख यूनिट गैस की खरीद की। कुल मिलाकर स्टील, पेट्रोरसायन, सिटी गैस, ग्लास और सेरेमिक जैसे क्षेत्रों के 15 ग्राहकों को इस बोली प्रक्रिया में गैस हासिल हुई। रिलायंस और उसकी भागीदार ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने संभावित उपयोगकर्ताओं से 50 लाख यूनिट प्राकृतिक गैस के लिए बोलियां आमंत्रित की थी। कंपनी ने यह बोली केजी डी-6 ब्लाक में आर-संकुल से 2020 मध्य से निकलने वाली गैस के लिए मंगायी थी।