नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट के दौरान अधिक से अधिक वेतनभोगी कर्मचारियों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ईएसआईसी के नियमों में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ईएसआईसी के तहत मिलने वाले स्वास्थ्य और आर्थिक मदद के नियमों में बदलाव करने जा रही है।
सीएनबीसी आवाज की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत मिलने वाले लाभ के लिए वेतन सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। अभी तक मासिक 21,000 वेतन वाले कर्मचारी ही ईएसआईसी के दायरे में आते हैं। सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 30,000 रुपए मासिक करने पर विचार कर रही है। इससे 30,000 रुपए तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को भी ईएसआईसी के तहत स्वास्थ्य, बीमा और आर्थिक मदद का लाभ मिल सकेगा।
श्रम मंत्रालय ने नियमों में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। अधिक वेतन वालों को स्कीम से जुड़े रहने का विकल्प दिया जाएगा। बेरोजगार होने पर आर्थिक मदद तय लिमिट के हिसाब से होगी।
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने बीते हफ्ते कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बेरोजगारी लाभ के दावों के आवेदनों को 15 दिनों के भीतर निपटाने की घोषणा की थी। ईएसआईसी के निदेशक मंडल ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रोजगार गंवाने वाले लोगों को राहत प्रदान करते हुए इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर तक के लिए बेरोजगारी लाभ के तहत भुगतान को दोगुना कर दिया है। योजना के तहत अब तीन महीने के औसत वेतन का पचास प्रतिशत लाभ दिया जाएगा। पहले यह 25 प्रतिशत था।
अब रोजगार जाने के 30 दिनों के बाद लाभ का दावा दायर किया जा सकता है। पहले यह 90 दिनों के बाद कर पाना संभव था। अब कर्मचारी स्वयं ही दावा कर सकते हैं, जबकि पहले उन्हें नियोक्ता के माध्यम से आवेदन करना होता था। ईएसआईसी बोर्ड ने अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत बेरोजगारी लाभ के तहत भुगतान को बढ़ाने और पात्रता मानदंडों में ढील देने को मंजूरी दी है।
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