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Hindi News पैसा बिज़नेस अब ई-सांता बनाएगा किसानों को अमीर, समुद्री उत्‍पादों के लिए सरकार ने शुरू किया नया प्‍लेटफॉर्म

अब ई-सांता बनाएगा किसानों को अमीर, समुद्री उत्‍पादों के लिए सरकार ने शुरू किया नया प्‍लेटफॉर्म

अब हमारे किसान इस प्लेटफॉर्म के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।

eSaNTA platform to empower farmers - India TV Paisa Image Source : @PIYUSHGOYAL eSaNTA platform to empower farmers

नई दिल्‍ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि समुद्री उत्पादों के लिए ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म ई-सांता (eSaNTA) किसानों को सशक्त बनाएगा क्योंकि वे इस पोर्टल के जरिये अपनी उपज आसानी से बेच पाएंगे। मंत्री ने ई-सांता (इलेक्ट्रॉनिक सॉल्यूशन फॉर ऑग्मेंटिंग एनएसीएसए फार्मर्स ट्रेड इन एक्वाकल्चर) की शुरूआत करते हुए यह भी कहा कि इससे किसान हाजिर के साथ वायदा बिक्री भी कर सकेंगे।

एनएसीएसए (नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) की एक विस्तारित शाखा है। गोयल ने कहा कि यह वेबसाइट नए और डिजिटल समाधान के जरिये स्पष्ट रूप से हमारे किसानों को सशक्त बनाएगा। इससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। अब हमारे किसान इस प्‍लेटफॉर्म के जरिये आसानी से अपने उत्पादन बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा यह प्‍लेटफॉर्म मछली और जल कृषकों को आजादी, विकल्प और अवसर उपलब्ध कराएगा। इससे विक्रेताओं खरीदार दोनों के लिए निष्पक्ष मूल्य सुनिश्चित हो सकेगा। गोयल के अनुसार ई-सांता सामूहिक रूप से उत्पादों को खरीदने वाले, मछुआरों एवं मत्स्य उत्पादक संगठनों को एक साथ लाने का एक माध्यम बन सकता है और इससे भारत एवं विश्व के लोग ये जान सकते हैं कि क्या उपलब्ध है। यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है।

उन्होंने सुझाव दिया कि समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण को पोर्टल खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए रेटिंग प्रणाली तैयार करनी चाहिए। इससे कोई भी रेटिंग देख सकेगा और उसके अनुसार निर्णय कर सकेगा। फिलहाल 18,000 किसान हैं, जो देश के समुद्री उत्पादों के निर्यात में योगदान दे रहे हैं। गोयल ने कहा ई-सांता (जिसक मतलब मंडी या बाजार) बाजार विभाजन को समाप्त करने के लिए एक डिजिटल ब्रिज है और यह बिचौलियों को खत्म करके किसानों एवं खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में काम करेगा।

लॉन्‍च हुआ राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल, किसानों को बागवानी में मिलेगी मदद

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल का शुभारंभ किया, जिससे बागवानी से जुड़े किसानों को मदद मिलेगी। बागवानी के क्षेत्र में संभावनाओं का जिक्र करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि इसके माध्यम से देश के युवा बड़े उद्यमी बनकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में बागवानी का क्षेत्र संभावित कृषि उद्यम के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पोषण सुरक्षा, गरीबी उन्मूलन व रोजगार सृजन कार्यक्रमों में बागवानी भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। बागवानी का क्षेत्र न केवल फसल विविधीकरण के लिए किसानों को कई प्रकार के विकल्प प्रदान करता है, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने सहायक है। साथ ही, इस क्षेत्र में रोजगार के भी काफी अवसर हैं।

तोमर ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने नर्सरियों के लिए 'ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफार्म' स्थापित किया है, ताकि किसान/उत्पादक और अन्य हितधारक अपने आसपास के क्षेत्रों में उपलब्ध क्वॉलिटी प्लांटिंग मटेरियल की उपलब्धता की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकें।

इस पोर्टल के माध्यम से, नर्सरियों के संचालक अपनी प्रोफाइल प्रदर्शित कर सकेंगे और बिक्री ऑफर डाल सकेंगे। प्लांटिंग मटेरियल के खरीदार भी सीधे ऑनलाइन पूछताछ कर सकेंगे और अपनी जरूरत से मिलते-जुलते बिक्री ऑफर देख पाएंगे। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा विकसित इस नए राष्ट्रीय नर्सरी पोर्टल से खरीदारों को नर्सरियों तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी और वे क्वालिटी प्लांटिंग मटेरियल की उपलब्धता, कीमत आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाएंगे।

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