नई दिल्ली। श्रम मंत्री बंदारू दत्तात्रेय ने स्पष्ट किया कि सेवानिवृति कोष निकाय EPFO मकान नहीं बनाएगा बल्कि वह चार करोड़ से अधिक सदस्यों की सहायता करेगा ताकि वे मकान खरीद सकें। श्रम मंत्रालय की मंशा अगले दो सालों में कम से कम 10 लाख अंशधारकों को मकान खरीदने में सहायता पहुंचाना है। वह इसके लिए उन्हें अपने भविष्य निधि के 90 फीसदी हिस्से से शुरुआती राशि और बाद में होम लोन की EMI का भुगतान करने की इजाजत देगा।
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दत्तात्रेय से जब पूछा गया कि क्या कर्मचारी भवष्यि निधि संगठन (EPFO) अपने अंशधारकों के लिए मकान बनाएगा तब उन्होंने कहा, आवास के सिलसिले में EPFO का मकानों के निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है। यह अंशधारकों की जिम्मेदारी है।
सदस्यों को मकान खरीदने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में हाल ही में किए गए संशोधन को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, योजना का लक्ष्य 2022 तक सभी के लिए मकान के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करना है। हमारे EPFO सदस्य इस योजना के लाभार्थी होंगे। EPFO के 4.31 करोड़ अंशधारक हैं। हमने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने के नियम बनाए हैं।
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पहले, मीडिया में यह खबर आयी थी कि EPFO अपने अंशधारकों के लिए अगले दो सालों में 10 लाख मकान बनाएगा और इसके लिए वह शहरी विकास मंत्रालय के साथ हाथ मिलाएगा।
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