नई दिल्ली। EPFO न्यासियों (ट्रस्टी) की इस महीने होने वाली बैठक हंगामेदार हो सकती है। बजट में ईपीएफ निकासी पर कर लगाने के प्रस्ताव के विरोध में श्रमिक संगठन इस बैठक में आवाज उठा सकते हैं। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव एवं ईपीएफओ के न्यासी डी एल सचदेव ने कहा,हमें 17 मार्च को EPFO केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 212वीं बैठक के लिए नोटिस मिला है। हम वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से बजट में प्रस्तावित ईपीएफ निकासी पर कर लगाने का मुद्दा निश्चित तौर पर उठाएंगे। उन्होंने कहा, सभी श्रम संगठन इस प्रस्ताव की आलोचना करेंगे जो सीधे कामगारों को प्रभावित करते हैं। यह मामला एजेंडे में सूचीबद्ध नहीं है लेकिन हम इसे बैठक में उठाएंगे।
EPF टैक्स के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों की श्रेणी अधिसूचित करेगी सरकार
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ईपीएफ निकासी के एक हिस्से पर कर लगाने के बजट प्रस्ताव पर सभी पक्षों ने सरकार की आलोचना की है। सरकार ने हालांकि, कहा है कि कर लगाने का प्रस्ताव योजना के सभी अंशदाताओं के लिए नहीं है, इसमें बड़े हिस्से को छूट दी गई है। सचदेव ने कहा कि जिन मुद्दों को एजेंडा में रखा गया है उनमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का संगाठनिक पुनर्गठन भी शामिल है।
इसके अलावा निदेशक मंडल सरकारी प्रतिभूतियों और कार्पोरेट बांड की प्राथमिक नीलामी में भागीदारी के लिए गारंटीशुदा उधार एवं कर्ज दायित्व से कर्ज लेने के लिए अवधि 15 दिन से बढ़ाकर 30 दिन करने के प्रस्ताव की भी पुष्टि करेगा। न्यासी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश पर भी विचार करेंगे। ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में ईटीएफ में निवेश करना शुरू किया है। संगठन ने चालू वित्त वर्ष के दौरान ईटीएफ में 5,000 करोड़ रपए से अधिक के निवेश की योजना बनाई है।
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