नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) 2018-19 के लिए अपने छह करोड़ से अधिक अंशधारकों की कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है। सूत्रों ने कहा कि ईपीएफओ के न्यासियों की 21 फरवरी को होने वाली बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर के प्रस्ताव को रखा जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर को वित्त वर्ष 2017-18 की तरह 8.55 प्रतिशत पर बरकरार रखा जाएगा। ईपीएफओ के आय अनुमान को बैठक में रखा जाएगा।
हालांकि सूत्र ने इस अटकल को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाला न्यासी बोर्ड ईपीएफओ का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है, जो वित्त वर्ष के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को अंतिम रूप देता है।
बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय से सहमति की जरूरत होगी। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ब्याज दर को अंशधारक के खाते में डाला जाएगा। ईपीएफओ ने 2017-18 में अपने अंशधारकों को 8.55 प्रतिशत ब्याज दिया। निकाय ने 2016-17 में 8.65 प्रतिशत तथा 2015-16 में 8.8 प्रतिशत ब्याज दिया था। वहीं 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी।
न्यासी बोर्ड की बैठक में जिन अन्य मुद्दों पर विचार किया जा सकता है, उसमें नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति तथा ईपीएफओ द्वारा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में किए गए निवेश की समीक्षा शामिल हैं।
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