नई दिल्ली। ईपीएफओ का भरोसा कॉरपोरट जगत से कम होता दिख रहा है। देश में कंपनियों द्वारा टैक्स चूक की बढ़ती घटनाओं के बीच कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अब कंपनियों या कॉरपोरेट बांड्स में किए जाने वाले अपने निवेश में कटौती करेगा तथा सुरक्षित सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सीमा बढ़ाएगा।
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने इस बारे में श्रम मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। श्रम मंत्रालय ने शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर कॉरपोरेट बांडों में 15 फीसदी निवेश को रोकने तथा इस राशि को सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) में लगाने का प्रस्ताव किया था।
सूत्रों ने कहा, वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके तहत EPFO द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में सालाना निवेश योग्य फंड की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी की जाएगी। इसके साथ ही इसने कॉरपोरेट बांडों में निवेश को रोकने पर सहमति जताई है। सूत्रों ने कहा कि इस आशय के फैसले पर ईपीएफओ के न्यासी मंडल की 29 मार्च को होने वाली बैठक में मुहर लगाई जाएगी। इसके बाद श्रम मंत्रालय नए निवेश ढांचे को अधिसूचित करेगा। सूत्रों के अनुसार, शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है, जिससे अंशधारकों की पूंजी को सुरक्षित बनाकर उन्हें निश्चित रिटर्न उपलब्ध कराया जा सके।
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