नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की परामर्शदात्री समिति ने नियोक्ताओं से भविष्य निधि अंशदान के संग्रह के लए ICICI बैंक, एक्सिस तथा HDFC बैंक जैसे निजी बैंकों की सेवा लेने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। EPFO न्यासी तथा भारतीय मजदूर संघ (महाराष्ट्र) के महासचिव पी जे बानासुरे ने कहा, वित्त, ऑडिट तथा निवेश समिति (एफएआईसी) ने निजी बैंकों ICICI, एक्सिस तथा HDFC बैंक को जोड़ने का प्रस्ताव खारिज कर दिया।
EPFO की तरफ से इस समय स्टेट बैंक, भविष्य निधि अंशदान का संग्रह करता है। सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों को भविष्य निधि प्राप्ति के लिए अधिकृत करने का काम प्रगति पर है। FAIC ने सिफारिश की है कि इन तीन बैंकों को EPFO की तरफ से भविष्य निधि योगदान के संग्रह करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। समिति की सिफारिश को EPFO के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की सात जुलाई 2016 को होने वाली बैठक में रखा जाएगा। सीबीटी के अध्यक्ष केंद्रीय श्रम मंत्री हैं। सामान्य तौर पर FAIC की सिफारिशों को सीबीटी स्वीकार कर लेता है।
EPFO करीब 25 फीसदी भुगतान एक्सिस बैंक, HDFC बैंक तथा ICICI बैंक के जरिए प्राप्त करता है। FAIC ने यह भी सिफारिश की है कि सात कंपनियों द्वारा लगाई गई बोली का मूल्यांकन करने के बाद ईटीएफ निवेश को भी स्टेट बैंक म्यूचुअल फंड और यूटीआई द्वारा प्रबंधित किया जाना चाहिए। EPFO के ETF में निवेश को प्रबंधित करने के लिए ICICI प्रुडेंशियल, रिलायंस कैपिटल, HDFC, एलआईसी और कोटक महिन्द्रा दौड़ में शामिल हैं। EPFO ने पिछले साल अगस्त से ईटीएफ में निवेश करना शुरू किया है। यह काम SBI म्यूचुअल फंड के जरिये किया जा रहा है। उसके साथ यह समझौता 30 जून को समाप्त हो रहा है।
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