नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ अगस्त महीने में शुद्ध रूप से 14.81 लाख नये सदस्य जुड़े हैं। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों के लिए रोजगार की बेहतर होती स्थिति को दर्शाता है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईपीएफओ के बुधवार को जारी अस्थायी पेरोल आंकड़ों के अनुसार, अगस्त, 2021 में शुद्ध रूप से 14.81 लाख नए सदस्य जोड़े गए। जुलाई की तुलना में अगस्त महीने में नए सदस्यों की संख्या में 12.61 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
मंत्रालय ने बताया कि कुल 14.81 लाख नए सदस्यों में से लगभग 9.19 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए हैं। इस दौरान शुद्ध रूप से 5.62 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकले और उसके बाद फिर इसमें शामिल हुए। इससे पता चलता है कि ज्यादातर सदस्यों ने ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता को जारी रखने का फैसला किया है। आयु के हिसाब से देखा जाए, तो अगस्त में 22 से 25 साल की आयुवर्ग में सबसे अधिक 4.03 लाख नामांकन हुए। वहीं 18 से 21 की आयुवर्ग में 3.25 लाख नामांकन हुए। इन आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार नौकरी पाने वाले बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। अगस्त माह में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों का योगदान लगभग 49.18 प्रतिशत का है।
राज्यवार तुलना के अनुसार महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के प्रतिष्ठान इसमें आगे रहे। इन राज्यों में सभी आयुवर्ग में ईपीएफओ सदस्यों की संख्या में 8.95 लाख का इजाफा हुआ, जो कुल वद्धि के आंकड़े का 60.45 प्रतिशत है। ईपीएफओ ने कहा कि ये आंकड़े अस्थायी हैं और कर्मचारियों के रिकॉर्ड को अपडेट करना एक सतत प्रक्रिया है। ईपीएफओ अपने सदस्यों को उनकी सेवानिवृत्ति पर भविष्य निधि और पेंशन लाभ प्रदान करता है।
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