नई दिल्ली। नौकरीपेशा लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। 2019 के दौरान भारत में कर्मचारियों की सैलरी में डबल डिजिट ग्रोथ होने का अनुमान है। लेकिन इस बात की आशंका भी है कि महंगाई इसमें एक बाधा बन सकती है और इसके बढ़ने से सैलरी में ग्रोथ 5 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है। गुरुवार को एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म कोर्न फेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तेज आर्थिक विकास के परिणामस्वरूप एशिया में भारत अकेला ऐसा देश होगा जहां ओवरऑल सैलरी और रियल-वेज में सबसे ज्यादा वृद्धि होगी। 2019 में सैलरी 10 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है। 2018 में औसत सैलरी इन्क्रीमेंट 9 प्रतिशत था। महंगाई-समायोजित वास्तविक मजदूरी के 5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, जो 2018 में 4.7 प्रतिशत बढ़ी थी।
कोर्न फेरी इंडिया के चेयरमैन और रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर, नवनीत सिंह ने कहा कि निरंतर तेज आर्थिक वृद्धि की वजह से एशिया में भारत में सबसे ज्यादा सैलरी और मजदूरी में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कंपनियों को बढ़ते ऑटोमेशन, नई टेक्नोलॉजी के उपयोग और कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग के मद्देनजर अपनी व्यापार रणनीति और लागत ड्राइवरों को परिभाषित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। सिंह का कहना है कि पारितोषिक कार्यक्रम को नियमित संशोधित करने की जरूरत है ताकि इसे बदलते कारोबार और बाजार स्थितियों के अनुरूप बनाए रखना सुनिश्चित किया जा सके।
कोर्न फेरी 2019 ग्लोबल सैलरी फोरकास्ट नामक रिपोर्ट कोर्न फेरी के पे डाटाबेस पर आधारित है, जिसे 110 देशों के 25,000 संगठनों में 2 करोड़ कर्मचारियों से बातचीत के बाद तैयार किया गया है। एशिया में 2019 के दौरान 5.6 प्रतिशत सैलरी बढ़ने का अनुमान है, पिछले साल यहां 5.4 प्रतिशत सैलरी बढ़ी थी।
एशिया के अन्य देशों की बात करें तो 2019 के लिए चीन का वास्तविक मजदूरी अनुमान 3.2 प्रतिशत, जापान का 0.1 प्रतिशत, वियतनाम का 4.8 प्रतिशत, सिंगापुर का 3 प्रतिशत, इंडोनेशिया का 3.7 प्रतिशत है।
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