नयी दिल्ली: दिल्ली के 2041 के मास्टर प्लान मसौदे में राज्य में 24 घंटे आर्थिक गतिविधियां जारी रखने के साथ ही कनॉट प्लेस सहित अन्य वाणिज्यिक केन्द्रों के मूल स्वरूप को पुनर्जीवित करने जैसे मुख्य बिन्दुओ पर जोर दिया गया है। इसके अलावा मास्टर प्लान में पुरानी दिल्ली से थोक कारोबार की गतिविधियों को बाहर ले जाने की भी योजना रखी गई है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार मसौदे को बुधवार को सार्वजनिक कर दिया गया। इसके लिये 45 दिनों के भीतर हितधारकों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। मसौदे में प्रदूषण को लेकर चिंता, सूचना प्रौद्योगिकी जैसी स्वच्छ अर्थव्यवस्थाओं की ओर रुख करना, ज्ञान आधारित और उच्च तकनीक उद्योग, उद्यमशीलता गतिविधियों, रियल्टी बाजार, पर्यटन, आतिथ्य, तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल और उच्च शिक्षा पर जोर दिया गया है।
मसौदे में 24 घंटे वाले शहर की परिकल्पना, मॉडल दुकानें और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2015 के साथ-साथ रात के समय की अर्थव्यवस्था नीति अवधारणा पर जोर दिया गया है। मास्टर प्लान में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित करने के लिए सांस्कृतिक गतिविधि और मनोरंजन के विकल्पों को चिन्हित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
मसौदे में कहा गया कि शहर के वाणिज्यिक केंद्र को पुनर्जीवित करने के लिए क्षेत्र आधारित सुधार दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। इसके अलावा कनॉट प्लेस और उसके आस-पास के इलाकों को विरासत और ऐतिहासिक इमारतों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी तरह स्थानीय व्यवसायों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वेयरहाउसिंग और होटलों की अनुमति देते हुए पुराने इलाके जैसे सदर बाजार के निकट के क्षेत्रों को नए सिरे से विकसित किया जाएगा। डीडीए अलग-अलग इलाकों को आर्थिक वृद्धि क्षेत्र, क्लीन-टेक इनोवेशन क्लस्टर, चिकित्सीय शहर, शिक्षा शहर के रूप में भी चिन्हित करेगा। हरित अर्थव्यवस्था के लिए हरित विकास क्षेत्र (जीडीए) को एक अलग तैयार किया जायेगा।
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