नई दिल्ली। सरकार ने संसद में बताया है कि covid-19 महामारी के इस दौर में देश भर में कोविड-19 के टीका एवं दवा की जरूरत, उसके भंडार, भंडारण तापमान एवं उपलब्धता आदि के बारे में इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेन्स नेटवर्क के जरिये नजर रखी जाएगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेन्स नेटवर्क वास्तव में इंटरनेट आधारित एक डिजिटल प्रणाली है, जो नियमित टीकाकरण, दवा के भंडार, भंडारण तापमान आदि को लेकर निगरानी करेगी। उन्होने बताया कि कोविड-19 के दवा पर विशेषज्ञों का एक राष्ट्रीय समूह बनाया गया है, जो सरकार को दवा के लिए आबादी समूहों की प्राथमिकता, लोगों का चयन, दवा की आपूर्ति व्यवस्था तथा संबद्ध अवसंरचना के बारे में सरकार को परामर्श देगा।
अगले साल की पहली तिमाही तक आ सकता है कोविड-19 का टीका
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने लोकसभा में बताया कि अगर कोविड-19 के टीके के क्लीनिकल परीक्षण सफल होते हैं तो एक प्रभावी टीका 2021 की पहली तिमाही के अंत तक उपलब्ध हो सकता है। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि किसी टीका निर्माता के साथ कोई पूर्व खरीद समझौता नहीं किया गया है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण में भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर तैयार किया जा रहा टीका और कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा टीके सुरक्षित रहे हैं और अब उनकी प्रतिरक्षा क्षमता का परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन टीकों के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण चालू हैं।
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