UP में लगेगा 'करंट': 20 से 25 फीसदी तक बढ़ सकती हैं बिजली की दरें, UPPCL ने भेजा प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वर्ष 2019-20 के लिए शहर से लेकर गांवों तक की घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया है।
India TV Paisa Desk Jun 17, 2019, 10:00:46 IST
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने वर्ष 2019-20 के लिए शहर से लेकर गांवों तक की घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया है। UPPCL ने यूपी विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh Electricity Regulatory Commission) को इस संबंध में एक प्रस्ताव भी भेजा है। बिजली किस कदर महंगी करने की तैयारी है उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की मौजूदा बिजली दरें 4.90 से 6.50 रुपए प्रति यूनिट है जिसे अब 6.20 से 7.50 रुपए तक करने का प्रस्ताव आयोग में सौंपा गया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में जनता की नाराजगी से बचने के लिए भले ही पिछले डेढ़ वर्ष से बिजली की दरों में इजाफा नहीं किया गया, लेकिन मई में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बिजली की दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी प्रस्तावित है। पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने सभी श्रेणियों के तकरीबन तीन करोड़ उपभोक्ताओं के लिए बिजली की मौजूदा दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में दाखिल किया है। घरेलू बिजली की दरें 6.20 से 7.50 रुपए प्रति यूनिट तक प्रस्तावित हैैं। कामर्शियल बिजली की दरें भी 8.85 रुपए प्रति यूनिट तक करने के साथ ही फिक्स्ड चार्ज को बढ़ाने का प्रस्ताव है।
UPPCL ने दिया प्रति यूनिट दाम बढ़ाने का प्रस्ताव
दरअसल उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दामों में 25 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पेश किया है। फिलहाल महीने की कुल बिजली खपत में से शुरुआती 150 यूनिट्स का दाम 4.90 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से लगाया जाता है। UPPCL ने इसे 26 फीसदी बढ़ाकर 6.20 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया है। इसी अनुपात में घरेलू उपयोग के लिए निर्धारित हर स्लैब की दरों में भी वृद्धि का प्रस्ताव है। वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के दर में भी 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला आयोग की सुनवाई के बाद किया जाएगा।
प्रस्ताव का विरोध करने के लिए संगठनों ने कसी कमर
हालांकि इस प्रस्ताव का विरोध जताने के लिए लामबंदी शुरू हो गई है। विद्युत उपभोक्ता परिषद, भारतीय किसान यूनियन समेत अनेक समाजसेवी संगठनों ने प्रस्ताव का विरोध किया है। इन संगठनों ने एक स्वर में सरकार और बिजली कम्पनियों के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करने पर अपनी सहमति जताई है। ये संगठन जल्द ही एक साझा मंच बनाकर सड़कों पर आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
फैक्ट्री के बराबर घर की बिजली दर
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के प्रस्ताव से गरीबी रेखा के नीचे शहरी इलाकों में निवास करने वाले उपभोक्ताओं के बिजली के बिल दो गुने से अधिक बढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज के इस वर्ग को मुफ्त में कनेक्शन बांट कर बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी बड़ा मजाक है, जिसका हर स्तर पर पुरजोर विरोध किया जाएगा। वास्तव में फ्री में कनेक्शन अब उसे लालटेन युग में ले जाने की बड़ी साजिश है। वर्मा ने कहा कि सरकार अब घरेलू बिजली दरों को कारखानों के बराबर करने जा रही है, इसे जनता के साथ धोखा कहा जाएगा।
कॉमर्शियल कंज्यूमर्स के लिए भी बढ़ेगा दाम
ठीक इसी तरह 151 से 300 यूनिट के बीच बिजली खपत पर प्रति यूनिट 5.40 रुपए के बजाय 6.50 रुपए प्रति यूनिट किया जाएगा, 301 से 500 यूनिट के बीच बिजली खपत करने पर 6.20 रुपए प्रति यूनिट की बजाय 7 रुपए प्रति यूनिट किया जाएगा। 500 से ज्यादा यूनिट बिजली खपत पर 6.50 रुपए प्रति यूनिट की बजाय 7.50 रुपए किया जाएगा। इतना ही नहीं घरेलू कनेक्शन पर लगने वाले फिक्सड मंथली चार्ज को भी 10 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया गया है। राज्य के कॉमर्शियल सेक्टर्स के कंज्यूमर्स के लिए बिजली के दामों को 10 से 15 फीसदी बढ़ाने का भी प्रस्ताव भी शामिल है।
बीपीएल की यूनिट आधी
कॉरपोरेशन ने प्रस्ताव में घरेलू बीपीएल कनेक्शनों की रियायती दरों वाली यूनिट की संख्या आधी करने की बात कही है। अभी बीपीएल परिवारों को तीन रुपये की दर पर 100 यूनिट मिलती थीं, अब इसे 50 यूनिट करने की तैयारी है। इसी तरह घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड कनेक्शनों पर भी 25 फीसद की वृद्धि का प्रस्ताव है। बिना मीटर वाले ग्रामीण परिवारों को अभी 400 रुपए प्रति किलोवाट की दर पर बिजली दी जा रही है। अब इसे बढ़ाकर 500 रुपए करने का प्रस्ताव है। अनमीटर्ड किसानों के लिए निजी नलकूप की दरें भी 150 रुपए प्रति बीएचपी से बढ़ाकर 170 रुपए करने की तैयारी है।
जल्द होगा प्रस्ताव पर फैसला
UPPCL ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (UPERC) के पास नए टैरिफ स्ट्रक्चर का प्रस्ताव जमा कर दिया है। अब UPERC इस मुद्दे पर जन सुनवाई करेगा और एक पब्लिक नोटिस जारी करेगा। इसके बाद ही तय किया गया जाएगा कि इस वित्त वर्ष में बिजली के दाम बढ़ेंगे या नहीं। लोक सभा चुनावों के चलते पिछले वित्त वर्ष में बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। अब UPPCL ने कोयले की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए बिजली के दामों में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है।
फिक्स चार्ज भी बढ़ाया
- शहरी क्षेत्र में घरेलू कनेक्शन पर फिक्स चार्ज 100 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 110 रुपए करने का प्रस्ताव।
- बीपीएल कनेक्शन पर फिक्स चार्ज 50 रुपए प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 75 रुपए प्रति किलोवाट हो।
- अनमीटर्ड कनेक्शन वाले किसानों से 150 रुपए के बजाय 170 रुपए प्रतिमाह बीएचपी (ब्रेक हॉर्स पॉवर) करने का प्रस्ताव है।
बिजली कंपनियों द्वारा बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि
यूनिट | वर्तमान दर (रुपए प्रति यूनिट) | प्रस्तावित दर (रुपए प्रति यूनिट) |
0-150 | 4.90 | 6.20 |
151-300 | 5.40 | 6.50 |
301-500 | 6.20 | 7.00 |
500 से अधिक | 6.50 | 7.50 |
घरेलू बीपीएल | 3 रुपए 100 यूनिट तक | 3 रुपए 50 यूनिट तक |
घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड | 400 रुपए/किलोवाट प्रतिमाह | 500 रुपए/किलोवाट प्रतिमाह |
प्रमुख सचिव (ऊर्जा) बोले- दरें बढ़ाना जरूरी
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने कहा कि कोयले के दाम बढ़ रहे हैं। उत्पादन लागत बढ़ रही है। इसलिए दरें बढ़ाना जरूरी है। आय व व्यय में अंतर आ रहा है। इसकी भरपाई के लिए थोड़ी दरें बढ़ानी पड़ सकती हैं। इसके लिए टैरिफ प्रस्ताव दिया गया है।